शिक्षा/साहित्य

आनंदम कक्षाओं वाले विद्यालयों में बढ़ रही है बच्चों की उपस्थिति

 

गौचर/ थराली, 26 अप्रैल  । जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गौचर में नवनियुक्त शिक्षकों के तीन दिवसीय आनंदम अभिमुखीकरण कार्यशाला का आज समापन हो गया है।इस प्रशिक्षण कार्यशाला में चमोली के 35 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रतिभाग किया गया ।

डायट गौचर में आयोजित कार्यशाला के समापन अवसर पर डायट के प्रभारी प्राचार्य राजेंद्र प्रसाद मैखुरी ने कहा कि किसी भी प्रशिक्षण के बाद क्रियान्वयन महत्वपूर्ण है, प्रशिक्षण अध्यापक और बच्चों के बीच पुल का कार्य करती है और प्रशिक्षण की सफलता अध्यापकों के समर्पण और ईमानदारी पर निर्भर करती है। कहा कि निश्चित तौर पर अध्यापकों को प्रशिक्षण के दौरान जानकारियां दी गई हैं । उसका लाभ वे लोग बच्चों तक पहुंचा कर प्रशिक्षण को सार्थक बनाने का प्रयास करेंगे, ऐसी उन्हें आशा है।

इस मौके पर संकाय सदस्य एवं कार्यक्रम समन्वयक सुमन भट्ट ने कार्यशाला को सफल बनाने में आनंदम की पूरी टीम एवं प्रशिक्षणार्थियों का प्रशिक्षण में बेहतरीन सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया ।

इस मौके पर डायट के सेवायोजन के विभागाध्यक्ष रविंद्र सिंह बर्त्वाल ने बताया कि वर्तमान में आनंदम पाठ्यचर्या का शिक्षकों और बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है जिन विद्यालयों में नियमित रूप से आनंदम कक्षाओं का संचालन हो रहा है वहां पर बच्चों की उपस्थिति लगातार बढ़ती जा रही है ।

आनंदम बच्चों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा देता है लेकिन वह बच्चों पर इन मूल्यों को थोपता नहीं है जिससे कि बच्चे तनाव में आते हैं। इसका उद्देश्य बच्चों को तनावमुक्त शिक्षा देना हैं। सिमरत कौर ,प्रणय, शालिनी ,निशांत वशिष्ठ, दीपक शर्मा, गोपाल प्रसाद कपरुवान ,दिगपाल सिंह रावत, डॉ. कमलेश मिश्रा आदि ने विचार व्यक्त किए।

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