सुरक्षा

सेना हिंसाग्रत मणिपुर में अपने पूर्व सैनिक साथियों के पास पहुंची और की मदद 

 

-uttarakhandhimalaya.in-

नयी दिल्ली, 7  मार्च।भारतीय सेना ने मणिपुर में चुनौतीपूर्ण समय के दौरान पूर्व सैनिकों (ईएसएम) से बंधुत्व के साथ जुड़ने के अपने सहयोगात्मक प्रयास को जारी रखते हुए मणिपुर राज्य के विभिन्न जिलों में कई ईएसएम स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रमों का आयोजन किया है। एक स्वास्थ्य शिविर 26 फरवरी 2024 को बिष्णुपुर जिले में, 28 फरवरी 2024 को सेनापति जिले में और 04 मार्च 2024 को चुड़ाचांदपुर जिले में आयोजित किया गया, जिसमें राज्य भर से बड़े पैमाने पर पूर्व सैनिकों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम को लोगों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है और गंभीर सुरक्षा स्थिति के बावजूद लगभग सभी जिलों के पूर्व सैनिकों ने इन सेवाओं का लाभ उठाया है।

 

इस आयोजन में 2000 से अधिक पूर्व सैन्य कर्मियों व उनके परिवारों की महत्वपूर्ण भागीदारी देखी गई, जिसमें 1650 से अधिक पूर्व सैनिक, 50 वीर नारियां, 180 विधवा महिलाएं और 65 आश्रित शामिल थे। इनमें वो लोग भी थे, जिन्होंने 1965 युद्ध, 1971 युद्ध और ऑपरेशन विजय-1999 के संघर्ष में भाग लिया था।

भारतीय सेना की स्पीयर कोर के मार्गदर्शन में रेड शील्ड डिवीजन ने स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के कार्यक्रम आयोजित किये हैं। इन शिविरों का प्राथमिक उद्देश्य मणिपुर की पूर्व सैनिक बिरादरी के साथ खासकर मणिपुर में अशांति के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान सेना के साथ संबंधों का विस्तार करना था। इस तरह के कार्यक्रम ईएसएम समुदाय को पेंशन दस्तावेजीकरण और अन्य विसंगतियों से संबंधित शिकायतों को पंजीकृत करने तथा समय पर उनकी समस्या को हल करने में सुविधा प्रदान करने के लिए एक मंच भी प्रदान करते हैं। स्वास्थ्य देखभाल, पेंशन विसंगतियों, दस्तावेजीकरण, ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक सेवाओं, सीएसडी, सेना भर्ती आदि सहित महत्वपूर्ण विषयों पर सहायता एवं मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से प्रत्येक आयोजन स्थल पर विशेष सहायता बूथ स्थापित किए गए थे।

मणिपुर स्थित रेड शील्ड डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल समीर शरण कार्तिकेय, एसएम ने वहां उपस्थित आने वाले लोगों के साथ बातचीत की और राष्ट्र की सेवा में उनके अमूल्य बलिदान व सेवाओं के लिए पूर्व सैनिकों तथा उनके परिवारों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने मणिपुर में मौजूदा सुरक्षा स्थिति के दौरान सशस्त्र बलों के प्रति पूर्व सैनिक समुदाय द्वारा दिए गए सहयोग की भी सराहना की। मेजर जनरल समीर शरण कार्तिकेय ने उनकी शिकायतों के शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया। इसके अला

वा, सेना और जिला अस्पतालों के सामान्य चिकित्सा एवं दंत चिकित्सा विशेषज्ञों ने चिकित्सा सहायता, उपचार व आवश्यक दवाओं की सुविधा प्रदान

करने के लिए कार्यक्रम स्थलों पर चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया। स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के कार्यक्रम में भाग लेने वाले ईएसएम की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने तथा उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए सुविधाओं की एक विस्तृत श्रृंखला शुरू की गई।

पूर्व सैनिकों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का कार्यक्रम विशेष रूप से इस क्षेत्र में संकट के समय में पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और संघर्ष में जान गंवाने वाले सैनिकों की विधवाओं के लिए भारतीय सेना की अटूट प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में सामने आया है। यह बंधुत्व और एकजुटता की भावना का प्रतीक ही है जो भारतीय सशस्त्र बलों के लोकाचार की व्याख्या करता है।

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