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मंदिर समिति को मिला नया नया सीईओ , फेविकोल को पुराना जोड़ टूटा

दिनेश शास्त्री
देहरादून, 13   सितम्बर। देर से ही सही आखिरकार धामी सरकार ने श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के चर्चित सीईओ बी.डी. सिंह की विदाई कर दी। मूलतः वन विभाग के अधिकारी श्री सिंह पूरे एक दशक तक मंदिर समिति के सर्वेसर्वा बने रहे। यह बदरी -केदार की कृपा और उनके “कौशल” का प्रमाण ही कहा जायेगा कि एक दशक तक फेविकोल का जोड़ पक्का बना रहा। जानकारों की मानें तो अभी भी प्रयास जारी थे कि डेपुटेशन की अवधि एक बार फिर बढ़ जाए किंतु दाल नहीं गली और बेमन से धर्म कर्म की भूमि से वापस जंगलात में जिम्मेदारी संभालने की मजबूरी आ गई है।
आपको बता दें, फिलवक्त सरकार ने पीसीएस अफसर योगेंद्र सिंह को समिति का नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनाया है। उनके जल्दी ही पदभार संभालने की संभावना है।
गौरतलब है कि राज्य वन सेवा के अधिकारी बी.डी. सिंह दस से भी अधिक साल से तमाम नियमों के खिलाफ सीईओ के पद पर बने हुए थे। उनके कार्यकाल में जो मार्केटिंग हुई, उसके कारण भी वे चर्चा में रहे। जानकार बताते हैं कि उनके खिलाफ गढ़वाल मंडलायुक्त के पास एक गंभीर जांच भी लंबित है। कुछ माह पहले सिंह को उनके मूल विभाग में भेजने का आदेश भी किया गया था, लेकिन अपनी पहुंच और दमखम के चलते वे पद पर बने रहने में सफल रहे। तब माना जा रहा था कि सरकार चाहे किसी भी दल की हो, किंतु उनकी कुर्सी नहीं हिल सकती लेकिन इस बार आखिरकार उनकी विदाई हो ही गई।
नवनियुक्त सीईओ पीसीएस अफसर योगेंद्र सिंह के पास इस वक्त केदारनाथ विकास प्राधिकरण में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी और केदारनाथ उत्थान चैरिटेबिल ट्रस्ट में संयुक्त सचिव का जिम्मा भी है। बताया जाता है कि उनके कामकाज को देखते हुए मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने खुद उनके नाम की अनुशंसा सीएम से की थी। जाहिर है अध्यक्ष की पसंद के नाते उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना योगेंद्र सिंह के लिए एक कसौटी हो सकता है किंतु उससे बड़ी चुनौती पिछले एक दशक के कामकाजों की छानबीन भी है।
आपको याद होगा मंदिर समिति के कामकाज को लेकर अनेक विवाद पिछले काफी दिनों से सार्वजनिक पटल पर चर्चित हो चुके हैं। ऐसे में एक ओर दोनों धामों में चल रहे विकास कार्यों का संपादन करना है, साथ ही व्यवस्था को भी पटरी पर लाना है। मंदिर समिति के कुछेक सदस्य व्यवस्था को लेकर पिछले दिनों सवाल उठा चुके हैं। हालांकि उनकी शिकायत पूर्ववर्ती अध्यक्ष के कार्यकाल के कथित घपलों को लेकर है। जाहिर है उन चुनौतियों का सामना भी योगेंद्र सिंह को स्वाभाविक रूप से करना होगा। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो नए सीईओ के स्वागत में अनेक मुद्दे खड़े हैं। उनके लिए बदरी केदार से सफलता की कामना की जानी चाहिए।

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