मुख्यमंत्री से मिले प्रधानमंत्री के सलाहकार श्री भाष्कर खुल्बे।
- केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों एवं बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान के सम्बन्ध में की चर्चा।
- पर्वतीय शिल्प कला के अनुरूप हो ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल लाइन के स्टेशन।
देहरादून 24 सितंबर।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को सचिवालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सलाहकार भाष्कर खुल्बे ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री से केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों तथा बद्रीनाथ के सौन्दर्यीकरण से सम्बन्धित मास्टर प्लान पर चर्चा की। खुल्बे ने मुख्यमंत्री से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के अन्तर्गत निर्मित होने वाले स्टेशनों को पर्वतीय शिल्प कला के अनुरूप बनाये जाने की बात कही, उन्होंने कहा कि इससे पर्वतीय क्षेत्र के शिल्पियों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से विश्वस्तरीय टिहरी झील जाने हेतु मसूरी-चम्बा कोटी कालोनी मोटर मार्ग के द्वारा कुल 105 किमी० की दूरी तय करनी पड़ती है, जिसमें सम्पूर्ण मार्ग पर्वतीय क्षेत्र में होने के कारण लगभग 3.30 घण्टे का समय लगता है। उक्त टनल देहरादून के राजपुर के निकट से प्रस्तावित है, जो कि टिहरी झील के निकट कोटी कालोनी में समाप्त होगी। टनल की कुल लंबाई लगभग 35 किमी० आयेगी। टनल के निर्माण की अनुमानित लागत 8750 करोड़ रूपए आयेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के क्षेत्रीय सामाजिक सांस्कृतिक तथा पर्यटन के विकास और सामरिक दृष्टिकोण से रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा टनकपुर और बागेश्वर के बीच नैरो गेज रेलवे लाइन हेतु सर्वे का आदेश निर्गत किया गया है। यह लाइन ब्राडगेज में होनी चाहिये। चीन और नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित होने के कारण यह रेल लाइन सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही यह नये व्यापार केन्द्रों को भी जोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामरिक उद्देश्य और सीमांत जनपदों के विकास की आवश्यकता को देखते हुए टनकपुर बागेश्वर रेलवे लाईन का नैरोगेज की बजाय ब्राडगेज लाईन का सर्वे किया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चार धाम सड़क परियोजना के साथ ही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना मार्च 2024 तक परियोजना को पूर्ण किए जाने के लक्ष्य के साथ काम किया जा रहा है। ऋषिकेश के बाद परियोजना मुख्यतः अंडरग्राउंड है। भूमि अधिग्रहण किया जा चुका है। इस रेल लाइन पर 12 स्टेशन और 17 टनल बनाये जा रहे हैं। काम निर्धारित समयावधि में पूरा किया जा सके, इसके लिए विभिन्न स्थानों पर एक साथ काम चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 7 अक्टूबर को जौलीग्रांट, देहरादून में बने नये टर्मिनल का लोकार्पण किया जायेगा। हेली समिट के दौरान देहरादून-पंतनगर-पिथौरागढ़-पंतनगर- देहरादून हवाई सेवा का फ्लैग ऑफ भी किया जायेगा। यह सेवा पवनहंस द्वारा दी जायेगी। देहरादून-पिथौरागढ़ हेली सेवा को जल्द स्वीकृति दिये जाने तथा नैनीसेनी हवाई पट्टी के विस्तार की उन्होंने जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में उड़ान के तहत देहरादून -श्रीनगर-देहरादून, देहरादून- गौचर- देहरादून, हल्द्वानी-हरिद्वार हल्द्वानी, पंतनगर-पिथौरागढ़-पंतनगर, चिन्यालीसौड़ – सहस्त्रधारा-चिन्यालीयौड़, गौचर-सहस्त्रधारा -गौचर, हल्द्वानी -धारचूला- हल्द्वानी तथा गौचर – सहस्त्रधारा – गौचर हेली सेवाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के लिए जो 13 हेलीपोर्ट चिन्हित किये गये हैं, उनमें से 11 की डीपीआर तैयार हो चुकी है।