राजनीति

कांग्रेस नेता का आरोप -सिलक्यारा मामले में न किसी की जवाबदेही न किसी के विरुद्ध कार्यवाही

 

सिलक्यारा टनल हादसे की जांच रिपोर्ट आये बगैर दोबारा काम शुरू करना सरकार की बदनीयती का सुबूत-धस्माना

 

देहरादून, 20 दिसंबर। एआईसीसी सदस्य व उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना सरकार पर सिल्क्यारा सुरंग हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि  यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा टनल हादसे के बारे में उठे तमाम सवालों आपत्तियों को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय व राज्य सरकार ने खारिज कर काम शुरू कर दिया है।

सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैम्प कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान  कहा कि सिलक्यारा निर्माणाधीन टनल में निर्माण एजेंसी ने 20 फरवरी 2018 की केंद्रीय कैबिनेट जिसकी अध्यक्षता स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने की थी, के उस निर्णय को पूरी तरह से नज़रंदाज़ किया जिसमें सिलक्यारा टनल को सशर्त एस्केप पैसेज के साथ निर्माण की अनुमति दी किंतु निर्माण एजेंसी नवयुग कम्पनी ने बिना एस्केप पैसेज व बिना किसी आपातकालीन निकासी के निर्माण किये चार किलोमीटर टनल खोद दी और जिस तरह से खुदाई की गई उससे यह आशंका है कि टनल में ब्लास्ट किया गया और छोटी दिवाली के दिन टनल में भूस्खलन व मलवा गिरने का हादसा घटा जिसमें 41 श्रमिक फंस गए थे जिनको लम्बी जद्दोजहद के बाद रैट होल माइनर्स ने निकाला।

श्री धस्माना ने कहा कि इस हादसे के लिए साफ साफ निर्माण एजेंसी जिम्मेदार है किंतु आज तक कोई कार्यवाही उनके विरुद्ध नहीं की गयी और रैट होल माइनर्स की मेहनत पर सरकार अपने मियां मिट्ठू बन कर अपनी ही पीठ थपथपा रही। जबकि सच्चाई यह है कि राज्य का आपदा प्रबंधन तंत्र पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ और अगर उत्तप्रदेश के रैट होल माइनर्स न आते तो अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अर्नाल्ड डिक्स ने सार्वजनिक रूप से कह दिया था कि क्रिसमस के आसपास अभियान पूरा हो पायेगा।

श्री धस्माना ने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय व उत्तराखंड राज्य सरकार से कांग्रेस यह पूछना चाहती है कि सिलक्यारा हादसे का जिम्मेदार कौन है और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है। उन्होंने कहा कि अगर सरकारें जवाब नहीं देती तो यह स्पष्ट रूप से एक बड़ा टनल घोटाला है।

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