कांग्रेस ने उठाया सिलक्यारा सुरंग खोदने वाली कंपनी नवयुग इंजीनियरिंग पर सवाल
देहरादून, 21 नवंबर। उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि सिलक्यारा की घटना ने केंद्र और राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन के दावों की कलई खोल कर रख दी है । दसौनी ने विवादास्पद कंपनी नवयुग इंजीनियरिंग को टनलिंग का ठेका दिए जाने पर भी सवाल उठाया और कहा की इस तरह के हादसे इस कंपनी के अतीत में मपहले से ही दर्ज हैं.
दसौनी ने कहा कि भाजपा को केंद्र में साढ़े नौ साल और राज्य में 7 साल हो चुके हैं और यह एक लंबी अवधि होती है इस दौरान सत्ता रूढ़ दल के द्वारा नारों और जुमले तो कई दिए गए लेकिन धरातल पर स्थिति क्या है यह सिलक्यारा घटना से आईने की तरह साफ हो गया है।
दसोनी ने कहा कि आखिर सिलक्यारा में कौन से रहस्य छुपे हैं जो सरकार ना तो मजदूरों के परिजनों को मीडिया से मुखातिब होने दे रही है और ना ही अपने अधिकारियों और मंत्रियों को इस पर कोई बयान देने दे रही है।
दसौनी ने कहा कि जिस नबयुग कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड खराब रहा हो और इसके ऊपर बीते अगस्त में महाराष्ट्र के ठाणे में 20 मजदूरों के मौत का आपराधिक मुकदमा दर्ज हो उस कंपनी को ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का 2000 करोड़ से भी ज्यादा का काम किस आधार पर दिया गया है? दसौनी ने कहा कि यहां उत्तराखंड की सरकार सिर्फ मीडिया मैनेज और हैडलाइन मैनेज करने पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं. यदि इतना ही ध्यान प्रदेश में चल रहे निर्माण कार्यों पर दिया होता तो आज ये हश्र ना हुआ होता।
दसौनी ने कहा कि 10 दिन से 41 मजदूर अंदर फंसे हैं प्रभारी मंत्री का आता पता नहीं, पीडब्ल्यूडी मंत्री भी नदारद है इससे पता चलता है कि भाजपा गरीब लोगों की जान के लिए कितनी संवेदनहीन है । दसोनी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री उत्तराखंड आकर बेतुकी बयान बाजी कर उत्तराखंड के जख्मों पर और नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं।
विकास विरोधी और राष्ट्र विरोधी तक का तमगा विपक्ष को पहनाया जा रहा है ।दसोनी ने कहा कि विपक्ष विकास विरोधी कतई नहीं है लेकिन उत्तराखंड को विकास लोगों की जान की और अपने पर्यावरण की कीमत पर तो बिल्कुल नहीं चाहिए ।
चुनाव में माइलेज लेने की होड़ में जल्दबाजी में जो ऑल वेदर रोड का काम कराया जा रहा है वह निश्चित रूप से आत्मघाती और विनाशकारी है। दसौनी ने कहा की उत्तराखंड जैसे भौगोलिक विषमताओं वाले राज्यों में निर्माण कार्य करने से पहले हर तरह का सर्वेक्षण कर लेना बहुत जरूरी है।