बधाण की नंदादेवी के चौदह वर्षों के लंबे अंतराल के बाद तुंगेश्वर मंदिर में 3 दिन दर्शन हो सकेंगे
–थराली से हरेंद्र बिष्ट–
चौदह वर्षों के लंबे समयांतराल बाद इस बार प्रसिद्ध बधाण पट्टी की मां राजराजेश्वर नंदा भगवती की शक्ति उत्सव डोली की तीन दिनों तक काली शक्ति पीठ तुगेश्वर में पूजा-अर्चना एवं दर्शन किए जा सकेंगे। इसके बाद सदियों से अपार श्रद्धा का केंद्र रही नंदा की डोली छः माह के प्रवास के लिए नंदा सिद्धपीठ कुरूड़ (नंदानगर) के लिए रवाना हो जाएगी।
दरअसल बधाण की नंदा उत्सव डोली छः माह नंदानगर के कुरूड़ एवं छः माह थराली के देवराड़ा रहती हैं।यही पर नंदा भवानी की पूजा-अर्चना की जाती हैं।इस समय नंदा डोला नंदा सिद्धपीठ देवराड़ा में मौजूद हैं।पंचाग गणना के अनुसार डोले को पौष मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी 29 दिसंबर को देवराड़ा मंदिर के गर्भगृह से निकाल कर कुरूड़ के लिए प्रस्तान होना हैं। इसके तहत डोली 29 को विधि-विधान से बहार निकलेगी।वहा से डोली सीधे 14 वर्षों के बाद दक्षिण कालिंका मंदिर तुगेश्वर में बधाण पट्टी के काली भक्तों के द्वारा आयोजित चौंसठ के प्रस्तावित आयोजन के तहत नंदा डोली तुगेश्वर काली मंदिर पहुंचेंगी।
30 दिसंबर को अष्टमी के दिन काली का चौंसठ का अनुष्ठान होने जोकि नंदा देवी की डोली पहुंचने के बाद शुरू हो जाएगा। और अष्टमी की कालरात्रि की पूजा के बाद 31 दिसंबर को नवमी की पूजा के बाद अनुष्ठान का समापन हों जाएगा।तब तक नंदा की डोली काली मंदिर में ही विराजमान रहेगी।देवी भक्तों को इस बार 14 वर्षों के लंबे समयांतराल के बाद एक साथ नंदा भवानी एवं काली की पूजा अर्चना कर मनौतियां मांगने का अवसर मिलेगा।
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*नंदा डोली 29 दिसंबर को देवराड़ा से होगी रवाना, 10 जनवरी को कुरूड़ में होगी विराजमान*
नंदा देवी राजराजेश्वरी मंदिर कमेटी कुरूड़ के अध्यक्ष नरेश गौड़ एवं देवराड़ा मंदिर समिति अध्यक्ष भुवन हटवाल ने यहां जारी कार्यक्रम के अनुसार 29 दिसंबर को नंदा देवी की उत्सव डोली देवराड़ा मंदिर के गर्भगृह से निकल कर दक्षिण काली मंदिर तुगेश्वर जाएगी जहां पर तीन दिनों तक चौंसठ के आयोजन के तहत डोली काली मंदिर में विराजमान रहेगी। 31 अनुष्ठान के समापन होने के बाद डोली तुगेश्वर से अपने दूसरे पड़ाव सिने गांव होते हुए भेटा गांव में रात्रि विश्राम के लिए पहुंचेगी। इसके बाद 1 जनवरी 2023 को डोला भेटा से राइकोली होते हुए चोण्ड़ा गांव,दो को चौण्ड़ा से काखड़ा होते हुए सोनला,3 को सोनला से देवलग्वाड़ होते हुए सुनाऊं,4 को सुनाऊं से पैनगढ़ होते हुए सिलोड़ी,5 को सिलोड़ी से कोठा,6 को कोठा से चिड़िगा तल्ला होते हुए आगतोली,7 को आगतोली से सेनार होते हुए सिमली,8 को सिमली से नाखोली होते हुए सणकोट,9 को सणकोट से नंदानगर ब्लाक के बांजबगड़ होते हुए सैंती, 10 जनवरी को सैंती से नंदानगर शिव मंदिर से होते हुए सिद्धपीठ कुरूड़ पहुचेगी और उसी दिन नंदा डोली सिद्धपीठ के गर्भगृह में विराजमान हो जाएगी।यही से श्री नंदा देवी लोक जात यात्रा 2023 शुरू होगी।