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ऊर्जा निगम पर जनता के शोषण के लिए नया तरीका इजाद करने का आरोप

देहरादून, 9 अगस्त । उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने ऊर्जा विभाग के उगाही के नए तरीकों पर राज्य सरकार और यूपीसीएल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि एक तरफ जहां गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार आसमान छूती महंगाई से जूझ रहे हैं वहीं दूसरी ओर  गरीब जनता का  शोषण करने का एक नया तरीका  इजाद किया गया है।
दसौनी ने कहा कि  ऊर्जा विभाग मे सिक्योरिटी मनी तब ली जाती है जब किसी का नया मकान बना हो और उसके द्वारा नया बिजली के कनेक्शन के  लिए अप्लाई किया गया हो । ऊर्जा विभाग उपभोक्ता से सिक्योरिटी मनी के रूप मे पैसा लेता है । लेकिन प्रदेश की जनता को बिना बताए या बिना सूचना किए अब ऊर्जा विभाग ने नया खेल शुरु कर दिया है ,उनके द्वारा सालो पुराने बिजली कनेक्शन के उपभोक्ताओं से भी सिक्योरिटी मनी ली जा रही है। और यह कोई छोटा-मोटा अमाउंट नहीं है भारी-भरकम अमाउंट लिया जा रहा है। दसोनी ने कहा की हैरानी की बात ये है कि इस सिक्योरिटी मनी का बिजली के बिल मे कही भी कोई जिक्र नहीं है ।
दसौनी ने कहा कि पहले तो जिनके पुराने कनेक्शन है उनसे नए सिरे से सिक्योरिटी मनी लेने का क्या औचित्य है? और अगर किसी के निर्देश के बाद यूपीसीएल ये ले भी रहा है तो इसकी सार्वजानिक सूचना क्यों उपभोक्ता क़ो नहीं दी गई?
दसौनी  ने बताया की जब एक उपभोक्ता ने ऑनलाइन अपना बिजली का बिल जमा कराना चाहा तो पहले सिक्योरिटी मनी के लिए UPCL की वेबसाइट पर उन्हें एक अमाउंट भेजा गया , उन्हें लगा की ये ही उनका बिजली का मूल बिल है उन्होंने लगभग 7 हजार रूपए जमा करा दिए लेकिन फिर जब उन्होंने वेबसाइट मे फिर खोला तो उनका मूल बिल उतना ही था जितना उन्हें भरना  था। उपभोक्ता हैरान रह गए जब उन्होंने बिजली स्टेशन जाकर पूछा तो स्थानीय SDO ने इस सिक्योरिटी मनी के बारे मे बताया। उपभोक्ता के अनुसार ना तो उन्हें सिक्योरिटी मनी की जानकारी थी और ना ही कही उन्होंने अख़बार मे इसके बारे मे  पढ़ा था की अब पुराने उपभोक्ताओं क़ो भी सिक्योरिटी मनी देनी पड़ेगी।
 उनके अनुसार उनका तो बजट बिगड़ गया है उनके अनुसार उनका 1981 का कनेक्शन है तब उन्होंने सिक्योरिटी मनी दी थी और अब फिर दी है उनके अनुसार सिक्योरिटी मनी तो तब मिलती है जब आप कनेक्शन कटाओ लेकिन अगर कोई अपने निवास पर परमानेंट तरीके से रहेगा तो कनेक्शन कटाएगा ही नहीं तो फिर ली गई सिक्योरोटी UPCL के ही पास रहेगी यानि अगर किसीने 10 हजार सिक्योरिटी मनी दी तो वो हमेशा के लिए UPCL के पास ही रहेगी रिफंड होने का तो सवाल ही नही होता।उपभोक्ताओं के अनुसार हम समय पर बिजली बिल दे रहें है तो फिर ये सिक्योरिटी मनी क्यों मांगी जा रही है?

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