अगस्त क्रांति दिवस पर विभिन्न संगठनों ने सरकार के खिलाफ भरी हुंकार

Spread the love

देहरादून 9 अगस्त।  अगस्त क्रांति की 82 वीं बर्ष गांठ के अवसर  पर आज राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत  विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक और श्रम संगठनों द्वारा राज्यभर में व्यापक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मुख्य कार्यक्रम देहरादून के गांधी पार्क ‌में‌ आयोजित‌ किया गया ।

देशव्यापी कार्यक्रम के साथ उत्तराखण्ड में “नफरत नहीं रोज़गार दो” नारे को भी जोडा गया, इस कार्यक्रम में डोईवाला में प्रस्तावित इन्टीग्रेटेड सिटी के खिलाफ आन्दोलरत किसान जनता के आन्दोलन ‌का समर्थन किया गया तथा उत्तराखण्ड में भूमि सुरक्षा कै लिये कानून बनाने के लिए देहरादून, पौड़ी, हरिद्वार , चमोली, बागेश्वर, अल्मोड़ा,टिहरी ,उधमसिंहनगर, नैनीताल, भवाली, पिथौरागढ़, अगस्त्यमुनि, हरिद्वार, उधम सिंह नगर, उत्तरकाशी, रामनगर, हल्द्वानी, सल्ट, चमियाला और अन्य जगहों में कार्यक्रम हुए।

आज  के कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्रम कानूनों का पालन हो , एमएसपी लागू हो‌, सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को नीजिकरण पर रोक लगे, बढ़ती मंहगाई पर रोक लगे, पुरानी पेंशन योजना लागू हो , रिक्त पदों पर नियुक्ति हो ,स्कीम वर्करों कर्मचारी का दर्जा दिया जाय,  विद्युत् विल वापस लेने, किसानों और मज़दूरों के हक़ को सुनिश्चित किया जाये, ज़मीन, घरों और वनों पर क़ानूनी अधिकार को सुनिश्चित किया जाये डोईवाला में इन्टीग्रेटेड सिटी निरस्त करो, पछवादून में भूमि घोटाले की जांच हो भूमाफियाओं के खिलाफ कार्यवाही हो आदि मुद्दे शामिल थे ।

देहरादून राजधानी में सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने हिस्सेदारी की । राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह को  को सौंपा गया। ज्ञापन में उक्त मांगों के अलावा फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाने सहित किसानों की अन्य मांगों के लिए सरकार की वादा खिलाफी व सारे देश की न केवल कृषि भूमि को बल्कि जल, जंगल व जमीन तथा शिक्षा, स्वास्थ्य सहित सार्वजनिक संपत्तियों को कारपोरेट घराने के हवाले करने के साथ साथ श्रम कानूनों में संशोधन का विरोध आदि शामिल थे।

इस अवसर पर वक्ताओं का कहना था कि आजादी के लम्बे संघर्ष व अनगिनत, कुर्बानियों से हासिल आजादी को खतरे में डाल दिया है। संविधान  एवं वर्तमान कानूनों की धज्जियां उड़ाने के साथ साथ अपने कॉरपोरेट मित्रों  को फायदा पहुंचाने के लिए  जन विरोधी व दमनकारी कानून बनाए जा रहे हैं।  जैसे उत्तराखंड में अतिक्रमण के नाम पर लाया जा रहा “दस साला काला कानून” एक उदाहरण है।

वक्ताओं ने कहा है कि आगामी दिनों में संयुक्त किसान मोर्चा आजादी की हिफाजत के लिये  14 अगस्त  को गांव गांव में गोष्ठियां, सांस्कृतिक  कार्यक्रमों के साथ रात्रि जागरण के बाद 15 अगस्त को झंडारोहण के बाद  26,27, 28 नवम्बर 2023 को देशभर में देश के विभिन्न राज्यों की राजधानियों में संयुक्त किसान मोर्चा  व संयुक्त  ट्रेड यूनियन  समन्वय समिति के  संयुक्त कार्यक्रम में देश के बुद्धिजीवियों,  सामाजिक  संगठनों  छात्रों नौजवान  महिलाओं व सम्पूर्ण  देशवासियों  से इस संघर्ष  में शामिल होकर देश को इस गंभीर संकट से उभारने में सहयोग करे।

इस अवसर पपर CITU के राज्य अध्यक्ष राजेंद्र नेगी और सचिव लेखराज; INTUC के राज्य अध्यक्ष हीरा सिंह  बिष्ट, AITUC के राज्य अध्यक्ष समर भंडारी एवं सचिव अशोक शर्मा, अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य अध्यक्ष SS सजवाण और राज्य महामंत्री गंगाधर नौटियाल,  महिला मंच की अध्यक्ष कमला पंत, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, जनवादी महिला समिति की राज्य सचिव इंदु नौटियाल, किसान सभा के अध्यक्ष दलजीत सिंह आदि ने संबोधित किया।

इस अवसर पर शिवप्रसाद देवली, कमरूद्दीन, राजेन्द्र पुरोहित ,एस एस नेगी ,कृष्ण गुनियाल ,अनन्त आकाश ,शम्भूप्रसाद ममगांई ,गिरिधर ‌पण्डित ,जगदीश कुकरेती ,भगवन्तं पयाल ,बलबीर सिंह ,याकूब अली ,दीपक शर्मा ,माला गुरूंग ,सुधादेवली ,अनिल कुमार ,नुरैशा ,उमा नौटियाल आदि बड़ी संख्या में लोग शामिल थे ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!