पुलवामा कांड को लेकर पूर्व सैनिक कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से 5 सवालों के जवाब मांगे
देहरादून, 26 फरवरी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व सैनिक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल रोहित चौधरी ने पुलवामा हमले में हुए 40 जवानों की शहादत पर जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सतपाल मल्लिक के खुलासे के बाद आज कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में मीडिया को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए महत्वपूर्ण तथ्यों एवं सवाय उठाये और प्रधानमंत्री से देश की जनता को जवाब देने की मांग की।
कर्नल रोहित चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार को खुफिया, सुरक्षा और प्रशासनिक विफलताओं की जवाबदेही तय करने के लिए एक श्वेत पत्र प्रकाशित करना चाहिए जिसके कारण 40 जवान शहीद हुए. उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के समय जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे श्री सत्यपाल मलिक ने हाल ही में एक वेब चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसके बाद 17 अप्रैल 2023 को द टेलीग्राफ को दिए एक इंटरव्यू में पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल शंकर रॉयचौधरी ने भी गंभीर चिंता जताई है, जिन्होंने जम्मू कश्मीर में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए अपनी सेवाएं दी है।
उन्होंने कहा कि पूर्व राज्यपाल मलिक और जनरल रॉयचौधरी ने जो चिंताएं जताई हैं वो चिंताएं रक्षा बिरादरी समेत पूरे देश की हैं। इसलिए रक्षा बिरादरी और देश की जनता प्रधानमंत्री मोदी से नीचे दिए गए पांच सवालों के जवाब मांगती हैं:-
- जनरल रॉयचौधरी कहते हैं, “अगर सैनिकों ने हवाई मार्ग से यात्रा की होती, तो जनहानि से बचा जा सकता था”, और “नागरिक उड्डयन विभाग, वायु सेना या बीएसएफ के पास विमान उपलब्ध हैं”। उनके अनुरोध के बावजूद 2,500 सीआरपीएफ़ जवानों को एयरक्राफ्ट क्यों नहीं दिए गए? मोदी सरकार ने अनुमति क्यों नहीं दी? क्या 40 लोगों की जान नहीं बचाई जा सकती थी?
- जनरल रॉयचौधरी “खुफिया विफलता” की ओर इशारा करते हैं। 2 जनवरी 2019 से 13 फरवरी 2019 के बीच आतंकवादी हमले की चेतावनी वाली खुफिया सूचनाओं को नज़रअंदाज़ क्यों किया गया?
- आतंकियों ने करीब 300 किलो विस्फोटक कैसे ख़रीद लिया? दक्षिण कश्मीर, विशेष रूप से पुलवामा-अनंतनाग-अवंतीपोरा बेल्ट में भारी सुरक्षा के बावजूद विस्फोटक की इतनी बड़ी मात्रा कैसे छिपी रह सकती है?
- जनरल रॉयचौधरी कहते हैं, “पुलवामा में जानमाल के नुक़सान की प्राथमिक ज़िम्मेदारी प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार की है।” वह आगे कहते हैं कि उन्हें सलाह देने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को भी “खुफिया विफलता के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए”। NSA श्री अजीत डोभाल, तत्कालीन गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के लिए क्या जिम्मेदारियां तय की गई हैं?
- जनरल रॉयचौधरी को लगता है कि “यह एक ऐसी चूक है जिससे सरकार हाथ धोने की कोशिश कर रही है।” हमले के चार साल बाद जांच कितनी आगे बढ़ी है? जांच की प्रक्रिया पूरी होने और देश को इसके निष्कर्ष बताने में देरी क्यों हो रही है?
पत्रकार वार्ता में पूर्व काबीना मंत्री एवं अनुशासन समिति के अध्यक्ष नवप्रभात उपाध्यक्ष संगठन, मथुरा दत्त जोशी, पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कै0 बलबीर सिंह रावत, मुख्य प्रवक्ता श्रीमती गरिमा माहरा दसौनी, राजनीतिक सलाहकार अमरजीत ंिसह, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट उपस्थित रहे।