वामपंथी उग्रवाद प्रभावित ज़िलों की संख्या 90 से घटकर 45 रह गई : हिंसक घटनाओं में वर्ष 2010 के उच्च स्तर से 2022 में 76% की कमी
- several successful efforts to better coordinate with the governments of Left Wing Extremism affected states without any party or ideology-based bias
- For the first time in 4 decades, the number of deaths of civilians and security forces has been brought to under 100 in 2022
- Under the leadership of Prime Minister Modi, the Ministry of Home Affairs has three main pillars of the policy made to deal with Left Wing Extremism – a Ruthless Approach to curb extremist violence, Better coordination between the Centre and State and Development through public participation to end support for Left Wing Extremism
- This three-pronged strategy has yielded historic success in containing Left Wing Extremism in the last eight years, with violent incidents related to Left Wing Extremism coming down by 76% in 2022 in comparison to 2010
- The number of civilian and security personnel killed in LWE incidents reduced by 90% to 98 in 2022 from 1005 in 2010, LWE affected districts reduced from 90 to 45
- Since 2019, security forces have achieved huge success in establishing 175 new camps in Left Wing Extremism affected areas, and, reducing the security vacuum along with making top leadership of Left Wing Extremists ineffective, to break the backbone of Left Wing Extremism
—– uttarakhandhimalaya.in —-
दिल्ली, 8 फरबरी । केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद पर गृह मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, अजय कुमार मिश्रा और निशिथ प्रमाणिक, समिति में शामिल संसद के दोनों सदनों के सदस्य, केन्द्रीय गृह सचिव, सीमा सुरक्षा बल और केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल के महानिदेशक और गृह मंत्रालय तथा संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में “आत्मनिर्भर नए भारत” में हिंसा और वामपंथी उग्रवादी विचार की कोई जगह नहीं है और हमारी सरकार ने इस दिशा में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए बनाई गई नीति के तीन प्रमुख स्तम्भ हैं- उग्रवादी हिंसा पर Ruthless Approach के साथ लगाम कसना, केंद्र-राज्य के बीच बेहतर समन्वय और विकास से जन-भागीदारी के माध्यम से वामपंथी उग्रवाद के प्रति समर्थन खत्म करना।
अमित शाह ने कहा कि इस त्रि-सूत्रीय रणनीति से पिछले आठ वर्षो में वामपंथी उग्रवाद पर लगाम कसने में ऐतिहासिक सफलता मिली है, जैसे कि—
- करीब 04 दशकों के बाद पहली बार वर्ष 2022 में नागरिकों और सुरक्षाबलों की मृत्यु की संख्या 100 से कम रही।
- वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसक घटनाओं में वर्ष 2010 के उच्च स्तर से 2022 में 76% की कमी।
- वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में जान गवाँने वाले नागरिकों तथा सुरक्षाकर्मियों की संख्या वर्ष 2010 के सर्वाधिक स्तर 1005 से 90% घटकर वर्ष 2022 में 98 रह गई और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित ज़िलों की संख्या 90 से घटकर 45 रह गई है
- वामपंथी उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित जिलों की संख्या अप्रैल-2018 में 35 से घटकर 30 तथा जुलाई-2021 से और घटकर 25 रह गई है।
- सुरक्षा संबंधी व्यय (SRE) योजना के जिलों की संख्या 126 से अप्रैल-2018 में घटकर 90 रह गई तथा जुलाई-2021 से ये और घटकर 70 रह गई है।
- वर्ष 2019 से अबतक वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों में 175 नए कैंप स्थापित कर सुरक्षा वैक्यूम को कम करने और टॉप लीडरशिप को निष्क्रिय करके वामपंथी उग्रवाद की रीढ़ तोड़ने में सुरक्षाबलों को बहुत बड़ी कामयाबी मिली है
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमारे सुरक्षाबलों ने नये-नये इनोवेटिव तरीकों से नक्सलियों को घेरा है और इसी नीति के तहत फरवरी, 2022 में झारखण्ड के लोहदरगा जिले में नव स्थापित सुरक्षा कैम्पों के माध्यम से 13-दिवसीय संयुक्त अभियान को कई सफलतायें मिलीं।
अमित शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय वामपंथी उग्रवादियों की वित्तीय चोकिंग (Financial Choking) कर इनके इकोसिस्टम को पूरी तरह ध्वस्त करने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित क्षेत्रों में ऑपरेशन में मदद और हमारे जवानों की जान बचाने के लिए बीएसएफ एयरविंग को सशक्त किया गया है, जिसके लिए पिछले एक वर्ष में नए पायलट्स और इंजिनियर्स की नियुक्ति हुई है।
अमित शाह ने कहा कि सुरक्षा के साथ ही वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित विकास सरकार की नीति का मुख्य लक्ष्य है और सरकार इन क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए कई कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों के विकास हेतु भारत सरकार की फ्लैगशिप योज़नाओं के साथ ही कई विशिष्ट योज़नाएं लागू की जा रहीं हैं। उन्होंने कहा कि सड़क सम्पर्क को बेहतर करने के लिये 17462 किलोमीटर सड़कों की स्वीकृति दी गयी है जिसमे से करीब 11811 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जनजाति बहुल ब्लॉक्स में एकलव्य स्कूल खोलने को अगस्त-2019 से प्रायोरिटी एरियाज में रखा गया है और इससे पहले, 21 साल की अवधि के दौरान, स्वीकृत 142 की तुलना में 2019 के बाद पिछले 3 वर्षों के दौरान ही 103 EMRS स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब तक, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित 90 जिलों में 245 एकलव्य स्कूल को स्वीकृति दी गई है और इनमें से 121 कार्यरत हैं।
अमित शाह ने कहा कि स्थानीय नागरिकों के वित्तीय समावेशन हेतु वामपंथी उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित ज़िलों में पिछले 08 वर्षों में 1258 बैंक शाखाएं तथा 1348 ATMs खोले गये हैं। इसके अलावा वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित 90 SRE ज़िलों में, हर ग्राम पंचायत में 3 किलोमीटर के दायरे में पोस्ट ऑफिस की उपलब्धता को सुनिश्चित करने हेतु पिछले 08 वर्षों में 4903 पोस्ट ऑफिस खोले गये हैं, जिनमें से 3114 पोस्ट ऑफिस पिछले एक वित्तीय वर्ष में ही खोले गये हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि स्किल डेवलपमेंट स्कीम के स्कोप को वर्ष 2016 में 34 ज़िलों से बढ़ा कर 47 ज़िलों तक कर दिया गया है, और, इसके तहत 47 ITIs तथा 68 SDCs को स्वीकृत किया गया है, जिनमें से 43 ITIs तथा 38 SDCs कार्यरत हैं। बैठक में सभी सदस्यों ने अपने बहुमूल्य विचार दिए और वामपंथी उग्रवाद से लड़ने के मोदी सरकार के प्रयासों की सराहना की।