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फुलदेई त्योहार पर उत्तराखंड की ग्रीश्म कालीन राजधानी भराड़ीसैण हुयी गुलजार

—रिपोर्ट-हरेंद्र बिष्ट-भराड़ीसैड/थराली–

इसे इतफाक कहा जाय या कि इस त्यौहार की किस्मत जो कि लगभग लुप्ती के कगार पर पहुंच चुका था। अचानक बुधवार को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में इस कदर सुर्खियों में पहुंच गया कि राज्य ही नही पूरे देश के लोगों इस त्यौहार को जानने का प्रयास करने लगें हैं उत्तराखंड की वादियों में इस त्यौहार को फूलदेई कहा जाता है।

बुधवार को अचानक भराड़ीसैंण के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चें हाथों में टोकरियों में फूल भर कर विधानसभा परिसर में पहुंचे और उन्होंनेे विधानसभा अध्यक्ष, मंत्रियों,विधायकों, अधिकारियों, सुरक्षाकर्मियों के कमरों के आगे फूलदेई के गीत गाते हुए उनकी सुख-समृद्धि के गीत गाते हुए फूल फैलाने शुरू किए तो जों लोग फूलदेई त्यौहार के संबंध में नही जानते थे वे इस संबंध में जानने में जुट गए।

इस मौके पर नन्हे-मुन्नों के साथ विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूरी ,शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ,विधायक कर्णप्रयाग अनिल नोटियाल,थराली विधायक भूपाल राम टम्टा आदि ने
नन्हे मुन्ने नन्हे-मुन्नों के साथ फोटो खिंचवाते हुए फूलदेई के गीत गाए।

इससे पूर्व आज सुबह ही  उत्तराखंड की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने अपने पति पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी के साथ स्वयं फुलदेई का गीत के साथ सुरमई संदेश जारी किया था। जो यूट्यूब पर तत्काल वायरल  हुआ।

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