मेले के समापन के बाद भी मेलार्थी और व्यापारी जमें हैं गौचर में
-गौचर से दिग्पाल गुसाईं –
मेला समापन के दूसरे दिन भी मेलार्थियों की भारी भीड़ जुटने से मुख्य बाजार में जाम की स्थिति बनने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
14 नवंबर से शुरू हुआ सात दिवसीय गौचर औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का 20 नवंबर को समापन कर दिया गया था। इसके बावजूद मेले के दूसरे दिन भी खरीददारों की भारी भीड़ जुटने से दुकानदारों के चेहरों पर रौनक भी देखने को मिली। दरअसल इस मेले की परंपरा रही है कि मैदानी भागों से सामान बेचने यहां आए दुकानदार वापसी का किराया बचाने की वजह से सामनों के दाम घटा देने से लोग जमकर खरीदारी करते हैं। इसी वजह से मेला समापन के आखिरी दो दिनों तक खरीदारों की भारी भीड़ जुटी रहती है।
मंगलवार को यहां भारी भीड़ जुटने से जहां तहां जाम की स्थिति बनने से लोगों परेशानी का सामना भी करना पड़ा। इस बार मेला आयोजन की बैठकों में स्थानीय व्यापारियों के भारी विरोध के बाद तय किया गया की मेला समापन के बाद शीघ्र मैदान खाली किया जाना चाहिए। बावजूद इसके जिस प्रकार से खरीदारों की भारी भीड़ जुट रही है। इससे दुकानदार भी हिलने को तैयार नहीं हैं।
अब देखना होगा कि 22 नवंबर को स्थानीय व्यापारी क्या रुख अख्तियार करते हैं। व्यापार संघ अध्यक्ष राकेश लिंगवाल, उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के मीडिया प्रभारी सुनील पंवार का कहना है कि मेला समापन के दिन से ही बाहरी व्यापारियों को मैदान खाली कर देना चाहिए था। लेकिन अभी व्यापारी डटे हुए हैं। आज पुलिस व मेला प्रशासन को अवगत करा दिया गया है। कल सुबह तक मैदान खाली नहीं किया गया तो प्रशासन के खिलाफ आन्दोलन किया जाएगा।