पर्यावरणब्लॉग

“वेस्ट को वेल्थ” में बदलना ही गोबरधन योजना है : देश के 450 जिलों में फैले 1200 से अधिक बायोगैस संयंत्र

The GOBARdhan initiative of the Union Government which aims to transform “Waste to Wealth” using a “Whole of Government” approach has started stimulating investments and reaping good results by creating a nurturing ecosystem for Compressed Biogas (CBG)/Biogas through a slew of policy enablers and attractive benefits.

    सीबीजी प्लांट, सुश्री गोवर्धननाथजी एनर्जीज एलएलपी, खेड़ा, गुजरात ( Photo -PIB)

 

By -Usha Rawat

केंद्र सरकार की गोबरधन पहल, जिसका उद्देश्य “संपूर्ण सरकार” दृष्टिकोण का उपयोग करके “वेस्ट को वेल्थ” में बदलना है, ने  कई समर्थनकारी नीतियों  और आकर्षक लाभ के द्वारा  संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी)बायोगैस के लिए एक पोषक इकोसिस्टम  बनाकर निवेश को प्रोत्साहित करना और अच्छे परिणाम प्राप्त करना शुरू कर दिया है। नोडल समन्वय विभाग, पेयजल और स्वच्छता विभाग द्वारा विकसित और 1 जून 2023 को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा शुभारंभ किए गए गोबरधन के लिए एकीकृत पंजीकरण पोर्टल को राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और सीबीजी/बायोगैस संचालक/निवेशक द्वारा  प्रशंसनीय उत्साह से  देखा जा रहा है। पोर्टल को देश भर में कार्य कर रहे /निर्माणाधीन/भविष्य में शुरू होने वाले  बायोगैस/संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) संयंत्रों के पंजीकरण की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए शुरू किया गया था।

 

गोबरधन पहल ने बायोगैससीबीजी क्षेत्र के लिए एक सक्षम वातावरण तैयार किया है, शुरू होने के तुरंत बाद पोर्टल पर 100 से अधिक निर्माणाधीन सीबीजी संयंत्रों के पंजीकरण से स्पष्ट है। यह अनुमान लगाया जा सकता है कि सीबीजी/बायोगैस उद्योग वृद्धि करने लगा है और भारत के नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो के ऊर्जा में जबरदस्त भूमिका निभाएगा। भारत सरकार अपनी नीतियों के माध्यम से उद्योग के विकास और सफलता  के साथ बायोगैस/सीबीजी क्षेत्र को नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी रूप में स्थापित करने के लिए अथक प्रयास कर रही है।

 

केवल 60 दिनों की छोटी अवधि में, देश भर में फैले 320 सीबीजी संयंत्र और 892 बायोगैस संयंत्र सहित 1200 से अधिक संयंत्र, 450 जिलों से, पोर्टल पर पंजीकृत किए गए हैं पोर्टल पर पंजीकृत 52 कमीशन्ड सीबीजी संयंत्रों में 300 टीपीडी से अधिक सीबीजी और 2000 टीपीडी से अधिक किण्वित कार्बनिक खाद (एफओएम) का उत्पादन करने के लिए 6600 टन प्रति दिन (टीपीडी) से अधिक जैविक/कृषि अवशेषों को संसाधित करने की क्षमता है।

 

जैविक उर्वरकों (गोबरधन संयत्रों के सह-उत्पाद) को बढ़ावा देने के लिए 1500 प्रति टन की बाजार समर्थित सहायता राशि, एफओएम/तरल एफओएम के विपणन को आसान बनाने के लिए उर्वरक नियंत्रण आदेश में संशोधन, दोहरे कराधान को रोकने के लिए सीबीजी के साथ मिश्रित सीएनजी पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में छूट, द्विपक्षीयसहकारी माध्यम  आदि के तहत कार्बन क्रेडिट के व्यापार के लिए गतिविधियों की सूची में सीबीजी को शामिल करना आदि जैसे कई समर्थनकारी नीतियों द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने में भारत सरकार की प्रतिबद्धता और जोर को देखते हुए पंजीकरण संख्या में और वृद्धि होने का अनुमान है।

 

सीबीजी/बायोगैस ऑपरेटरों/निवेशकों ने गोबरधन के तहत विभिन्न पहलों का स्वागत किया है  आगामी नीतियां जैसे बायोमास एकत्रीकरण के लिए राजकोषीय समर्थन, सीबीजी संयंत्रों से शहर गैस वितरण ग्रिड तक पाइपलाइन कनेक्टिविटी आदि की परिकल्पना मूल्य श्रृंखला में हितधारकों के लिए अधिक जागरूकता और भागीदारी पैदा करने के लिए की गई है।

 

गोबरधन योजना ग्रामीण परिवारों को संसाधन और मौद्रिक लाभ प्रदान करने के साथ-साथ जैविक/बायोडिग्रेडेबल कचरे के वैज्ञानिक प्रबंधन के उद्देश्य से शुरू की गई है  यह पहल भारत सरकार, राज्य सरकारों, निजी उद्यमियों और अन्य हितधारकों के हितों और प्रयासों का एक संगम है। ( PIB)

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