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टीएमयू में डवलपिंग ऑनलाइन रिपॉजिटरी ऑफ बिजनेस प्लान/प्रोटोटाइप डवलप्ड एंड वेफॉरवर्ड पर गेस्ट लेक्चर

 

  • ख़ास बातें
    प्रो. मंजुला जैन की वेलकम स्पीच से प्रोग्राम का शुभारम्भ
    तीन सौ स्टुडेंट्स ने अतिथि व्याख्यान में की शिरकत
    बिजनेस प्लान के पूर्व संभावित खतरों को भांपेंः जिम्मी
    कारोबारी योजना में 3 बी शब्दों का अति महत्व

मुरादाबाद, 7 जून। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के फोर्ब्स काउंसिल कोच श्री जिम्मी जैन ने कहा, किसी भी बिजनेस को स्टार्ट करने से पहले यह जानना जरूरी है, हम यह बिजनेस क्यों करना चाहते हैं? यदि हम कारणों को जान लेते हैं तो क्या और कैसे हमें स्वंय ही मिल जाते हैं। श्री जैन ने बताया, किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले हमें उसका एक प्लान बनाना चाहिए। बिजनेस प्लान बनाने से हम बिजनेस में आने वाले संभावित खतरों, बिजनेस को आगे बढ़ाने की संभावनाएं, स्टेकहोल्डर्स के लिए प्रूफ आदि में सहायता होती है। श्री जैन तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद और रूड़की इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रूड़की के इंस्टीट्यूशन इंनोवेशन काउंसिंल-आईआईसी की ओर से मेंटर मेंटी प्रोगा्रम के तहत डवलपिंग ऑनलाइन रिपॉजिटरी ऑफ बिजनेस प्लान/प्रोटोटाइप डवलप्ड एंड वेफॉरवर्ड प्लान पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इससे पूर्व गेस्ट लेक्चर का शुभारम्भ इंस्टीट्यूशन इंनोवेशन काउंसिंल-आईआईसी की प्रेसीडेंट प्रो. मंजुला जैन ने स्वागत भाषण से किया। उन्होंने मौजूदा वक्त में आईआईसी और मेंटर-मेंटी प्रोग्राम के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

श्री जिम्मी ने कहा, किसी भी प्लान के छह मुख्य बिन्दु अनिवार्य हैं- आपका विचार क्या है? यह किसके लिए है? उपभोक्ताओं को इसकी क्या जरूरत है? उत्पादों के आपके पास क्या सबूत हैं? आपका अगला स्टेप्स क्या है? रियल विन वर्थ-आरडब्ल्यूडब्ल्यू टेम्पलेट्स हैं। ये प्वाइंट्स किसी भी बिजनेस प्लान को सफलता प्रदान करते हैं। प्रोटोटाइप के बारे में बोले, यह किसी वस्तु या उत्पाद को बनाने से पहले बनाया गया उसका एक नमूना, प्रतिरूप या अधूरा संस्करण होता है, जिसे भविष्य में बनाए जाने वाले उत्पाद के बारे में सीखने, उस पर अनुभव पाने और उसे समीक्षकों को दिखाकर उसपर प्रतिपुष्टि पाने के उद्देश्य से बनाया जाता है।

श्री जैन ने बताया, प्रोटोटाइप को कम से कम खर्च और कम से कम समय में बनाने की कोशिश करनी चाहिए। इससे हमें अपने फाइनल प्रोडक्ट को बनाने के लिए मदद मिलेगी। श्री जैन ने बिजनेस के 3बी- बिहेवियर, बिलीफ और बिजनेस को भी विस्तार से समझाया। अंत में सवाल-जवाब का दौर भी चला, जिसमें मुख्य अतिथि ने स्टुडेंट्स के प्रश्नों का उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया। वोट ऑफ थैंक्स आईआईसी आरआईटी, रूड़की की कन्वीनर डॉ. अरूणा भट्ट कौल और आईआईसी टीएमयू, मुरादाबाद की कन्वीनर डॉ. गीतान्शु डाबर ने दिया। गेस्ट लेक्चर में आईआईसी के सदस्यों के साथ-साथ विभिन्न कॉलेजों और विभागों की फैकल्टीज़ के संग-संग लगभग 300 स्टुडेंट्स ने प्रतिभाग किया। सभी प्रतियोगिताओं को ई-सर्टिफिकेट्स भी वितरित किए गए।

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