देश में शहद का उत्पादन बढ़कर अब सवा लाख मीट्रिक टन हो गया
कोहिमा ,12 नवंबर (उ.हि.) केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में नागालैंड स्थित केंद्रीय बागवानी संस्थान में किसान भवन का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर मधुमक्खी पालकों का सम्मेलन भी आयोजित किया गया।
तोमर ने मधुमक्खी पालन को किसानों की आय वृद्धि के लिए एक सहायक क्षेत्र बताते हुए कहा कि मीठी क्रांति लाने के लिए हनी मिशन प्रारंभ किया गया है और केंद्र सरकार ने इसमें 500 करोड़ रू. का प्रावधान आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किया है। भारत सरकार की 10 हजार नए किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने की योजना के अंतर्गत शहद उत्पादक किसानों के एफपीओ भी बनाए जा रहे हैं। शहद की ठीक से जांच हो, इसलिए देश में अनेक जगह लैब बनाई गई है, साथ ही प्रोसेसिंग सुविधाएं भी बढ़ाई जा रही है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मधुमक्खी पालकों व सरकार के सामूहिक प्रयासों से वर्ष 2020-21 में देश में शहद का उत्पादन वर्ष 2013-14 के 76150 मीट्रिक टन से बढ़कर अब सवा लाख मीट्रिक टन हो गया है। वहीं, मधुमक्खी पालन क्षेत्र से जुड़े हितधारकों की मदद से वर्ष 2020-21 में शहद का निर्यात वर्ष 2013-14 के सवा 28 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर लगभग 60 हजार मीट्रिक टन हो गया है। तोमर ने राज्य सरकारों से अपेक्षा व्यक्त की कि सारी सुविधाओं का लाभ उठाते हुए मधुमक्खीपालक किसानों को उनके उत्पाद के अच्छे दाम दिलाए जाएं। उन्होंने कहा कि हम सबका एक ही लक्ष्य होना चाहिए कि छोटे किसानों को उनके उत्पादों का अधिक से अधिक दाम मिले। उन्होंने कहा कि शहद उत्पादक किसान राज्य सरकार के साथ मिलकर आगे बढ़े, केंद्र सरकार उनके साथ कंधे से कंधा और कदम से कदम मिलाकर खड़ी हुई है। कार्यक्रम में किसानों के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। खेती में नए प्रयोगों के लिए किसानों को मिनी किट प्रदान किए गए। प्रशिक्षणार्थी किसानों द्वारा बनाए उत्पाद लांच किए गए। वार्षिक रिपोर्ट-टेक्निकल बुलेटिन का विमोचन किया गया।