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भारत अब स्टार्ट-अप का नया हब: अक्षत जैन

ख़ास बातें

  • अगले 25 वर्षों में इंडिया के पास होगी अपनी सिलिकॉन वैली: एमजीबी
  • टीईडीपी सरीखे प्रोग्राम से देश में आएगा व्यापक बदलाव: प्रो. प्रदीप
  • टेक्नोविज़न-2035 नवाचार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है: प्रो. प्रभात
  • टीएमयू नए आइडिया जनरेशन को लेकर बेहद संजीदा: प्रो. रघुवीर
  • छात्रों के लिए उद्यमिता कौशल विकास बहुत महत्वपूर्ण: प्रो. द्विवेदी
  • स्वरोजगार की स्वर्णिम संभावनाओं में वरदान साबित होगी टीईडीपी: डॉ. आदित्य
  • टीईडीपी नवोदित उद्यमी बनाने को मील का पत्थर साबित होगी: प्रो. मंजुला

 

–प्रो. श्याम सुंदर भाटिया/ डॉ. संदीप वर्मा

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के मेम्बर ऑफ गवर्निंग बॉडी- एमजीबी श्री अक्षत जैन ने कहा, प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्टअप अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। अमेरिका और चीन के बाद भारत स्टार्ट-अप का नया हब है। सूचना प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्ट-अप सभी स्टार्ट-अप्स के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं। यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत भी तकनीक क्रांति में पताका फहराएगा। उन्होंने उम्मीद जताई, अगले 25 वर्षों में भारत के पास अपनी सिलिकॉन वैली होगी। टेक्नॉलॉजी सभी प्रकार के व्यवसाय के भविष्य की रीढ़ है। जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी बढ़ रही है, यह स्टार्ट-अप को और विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। श्री जैन ने कहा, टीएमयू का इनक्यूबेशन सेंटर नए जमाने की उद्यमिता के साथ कदमताल करेगा। एमजीबी बतौर की-नोट स्पीकर तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड कम्प्यूटिंग साइंसेज- एफओईसीएस में राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्यमिता विकास बोर्ड- एनएसटीईडीबी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग- डीएसटी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से प्रायोजित 36 दिनी ऑनलाइन प्रौद्योगिकी आधारित उद्यमिता विकास कार्यक्रम- टीईडीपी के समापन मौके पर बोल रहे थे। इससे पूर्व वैलेडिक्टरी सत्र का शुभारंभ माँ सरस्वती की वंदना और टीएमयू की उपलब्धियों की प्रस्तुति के साथ हुआ। टीईडीपी के जनरल चेयर एवं एफओईसीएस के निदेशक एवं प्राचार्य प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। टीईडीपी के कन्वीनर डॉ. पंकज गोस्वामी ने टीईडीपी की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। संचालन मिस इंदु त्रिपाठी ने किया।

एकेटीयू, लखनऊ के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्रा ने बतौर मुख्य अतिथि कहा, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से अब हर युवा उद्यमिता विकास कार्यक्रम से जुड़ेगा और इन परिणामों से देश में व्यापक बदलाव आएगा। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश में एग्रीटेक एंड एग्रीटेक स्टार्ट-अप राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रो. मिश्रा बोले, आधुनिक विश्व में उद्यमी का शिक्षित, प्रशिक्षित और निपुण होना अति आवश्यक है। डीवाई पाटिल विश्वविद्यालय, पुणे के कुलपति प्रो. प्रभात रंजन ने बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर टेक्नॉलॉजी विजन 2035 पर बोलते हुए कहा, यह नवाचार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, टेक-विजन-2020 देश के विकास पर ध्यान केंद्रित करता है लेकिन टेक-विजन-2035 देश में जीवन की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करता है। प्रो. रंजन ने भारत की नई प्रौद्योगिकी का रोडमैप दर्शाते हुए कहा, नई प्रौद्योगिकी हेल्थकेयर, शिक्षा और परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने यह भी प्रस्तुत किया कि भारत किस प्रकार अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और रोबोटिक्स में लगातार नई बुलंदियां हासिल कर रहा है।

टीएमयू के कुलपति प्रो. रघुवीर सिंह ने कहा, टीएमयू नए आइडिया जनरेशन को स्टार्ट-अप में बदलने के लिए समर्पित है। प्रो. सिंह बोले, अब स्टार्ट-अप हब बंगलुरू से नई दिल्ली में स्थानांतरित हो रहा है। वर्ष 2021 में भारत में 14000 नए स्टार्ट-अप बने। उन्होंने कहा, भारत में वर्ष 2022 में और अधिक यूनिकोर्न आने की संभावना है। टीईडीपी के जनरल चेयर एवं एफओईसीएस के निदेशक एवं प्राचार्य प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी ने कहा, छात्रों के लिए उद्यमिता कौशल विकास बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस टीईडीपी के प्रस्ताव और इसके क्रियान्वयन की योजना के पीछे की लंबी यात्रा की जानकारी दी। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस टीईडीपी प्लेटफॉर्म के माध्यम से नए स्टार्टअप के निर्माण और विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा। टीएमयू के रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा ने कहा, टीईडीपी नए उद्यमियों के लिए नए अवसरों की जानकारी देने और स्वरोजगार की नई संभावनाएं तलाशने में बहुत मददगार साबित होगी। टीएमयू की एसोसिएट डीन प्रो. मंजुला जैन ने कहा, इस प्रकार की टीईडीपी सभी छात्रों में उद्यमशीलता कौशल विकसित करने में मदद करती है। सफल स्टार्ट.अप के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट और बिजनेस प्लान बनाने में मदद करने के साथ-साथ यह टीईडीपी छात्रों को नवोदित उद्यमी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। टीईडीपी के कन्वीनर डॉ. पंकज कुमार गोस्वामी ने बताया, टीईडीपी के लिए 200 से अधिक प्रतिभागियों को पंजीकृत किया गया, लेकिन एनएसटीईडीबी प्रोटोकॉल के अनुसार केवल 50 को ही भाग लेने का अवसर दिया गया था। टीईडीपी के दौरान प्रतिभागियों को प्रौद्योगिकी, विपणन, आईपीआर, कानूनी प्रक्रियाओं, आईपीआर और वित्त संबंधी समाधानों पर कुल 144 सत्रों के जरिए गहन प्रशिक्षण दिया गया। उल्लेखनीय है, नामचीन 30 शिक्षाविदों और उद्यमियों ने उद्यमिता प्रशिक्षण दिया। इनमें प्रमुख रूप से आईआईटी कानपुर के यांत्रिक इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. जे रामकुमार,  आईआईआरएस, इसरो, देहरादून के डॉ. अनिल कुमार, एमएचओ, दुबई के हैल्थ वेलनेस एक्स्पर्ट डॉ.  दीपिका जैन, आई नर्चर इंक्यूबेशन सेंटर, गाजियाबाद के श्री महेंद्र गुप्ता, आनंद यूनिवर्सिटी, आनंद, गुजरात के डॉ. चेतन आईईईई के सीनियर मेम्बर और थापर यूनिवर्सिटी, पटियाला के प्रो. नीरज कुमार, एनवीडिया, बंगलुरु के हेड डवलपर श्री उन्नीकृष्णन, एनवीडिया, बंगलुरु की सोल्यूशंस इंजीनियर डॉ. मधुलिका वसवराज और एसबीआई, मुरादाबाद के डिप्टी मैनेजर श्री विकास यादव आदि शामिल हैं।  टीईडीपी में उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू.कश्मीर, गुजरात, नयी दिल्ली समेत देशभर के जाने माने शिक्षण संस्थानों और उद्योगों के रजिस्टर्ड प्रतिभागियों को उद्यमिता प्रशिक्षण दिया गया। अंत में टीईडीपी समन्वयक श्री प्रदीप कुमार वर्मा ने वोट ऑफ थैंक्स प्रस्तुत किया। इस अवसर पर सह-संयोजिका डॉ. गुलिस्ता खान, डॉ. गरिमा गोस्वामी, बाहरी सलाहकार डॉ. मुदिता जुनेजा, समन्वयक डॉ. शुभेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. संदीप वर्मा, डॉ. जरीन फारूक, मिस नेहा आनंद, श्री अजय चक्रवर्ती,  श्रीमती शिखा गंभीर, प्रो. असीम अहमद, श्री राहुल विश्नोई आदि की गरिमामयी मौजूदगी रही।

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