राष्ट्रीयसुरक्षा

नौ सेना ने पिछले साल उत्तराखंड के त्रिशूल पर्वत पर लापता अपने दो पर्वतारोहियों की तलाश पुनः शुरू की

–उत्तराखंड हिमालय ब्यूरो —

नयी दिल्ली, 13 अगस्त ।    भारतीय नौ सेना ने पिछले साल उत्तराखंड के त्रिशूल पर्वत पर पर्वतारोहण के दौरान लापता अपने सैनिकों  के अवशेषों की तलाश का अभियान पुनः शुरू कर दिया है।

पर्वतारोहण के दौरान लापता हुए दोनों पर्वतारोहियों को तलाश करने के लिए सेवायुक्त लोकाचार के सच्चे प्रमाण के रूप में 10 अगस्त 2022 को एक अभियान शुरू किया गया है। इसके पीछे मूल भावना निहित है कि भारतीय नौसेना अपने किसी भी कर्मी को पीछे नहीं छोड़ती है।

गंभीरता के इस महत्वपूर्ण अवसर पर शहीदों की याद में एक त्रिशूल स्मारक स्थापित किया गया और यह भारतीय नौसेना में साहसी लोगों की भावी पीढ़ियों को प्रेरणा देने का काम करेगा। फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने स्मारक पर मोमबत्तियां जलाकर लापता हुए कर्मियों को श्रद्धांजलि दी तथा उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।

पश्चिमी नौसेना कमान ने स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह के एक हिस्से के रूप में सितंबर 2021 में त्रिशूल पर्वत पर पर्वतरोहण का एक अभियान शुरू किया था। पर्वत के शिखर पर पहुंचने के प्रयास के दौरान ही अचानक तथा अप्रत्याशित हिमस्खलन होने से पांच नौसेना कर्मियों लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव एनएम, लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी, लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती, लेफ्टिनेंट कमांडर शशांक तिवारी एनएम, हरिओम एमसीपीओ II (जीडब्ल्यू) एनएम और शेरपा दुपका शेरिंग एनएम की टीम को एक दुर्घटना का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप उनका दुर्भाग्यपूर्ण निधन हो गया।

राहत और बचाव अभियान के दौरान चार पर्वतारोहियों के पार्थिव शरीर बरामद किए गए, जबकि दो पर्वतारोही एक नौसेना अधिकारी तथा शेरपा के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। खराब मौसम और सर्दी की शुरुआत होने के कारण खोज कार्य भी जोखिम से भरा हो गया, जिसके कारण 13 दिन के गहन प्रयास के बाद उनका पता लगाने के लिए अभियान को रोकना पड़ा।

इस कार्यक्रम के दौरान बहादुर सैनिकों के परिवार के सदस्यों को सम्मानित भी किया गया। इसके अलावा, लापता शेरपा के परिवार को कुछ राहत के तौर पर एक वित्तीय सहायता पैकेज दिया गया। इन वीर जवानों को हमेशा याद किया जाएगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!