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पिंडर घाटी में स्टोन क्रशर पर सरकार और जनता को लाखों का चूना लगाने का आरोप, एस डी एम से की शिकायत

–थराली से हरेंद्र बिष्ट–

जहां एक ओर पिंडर घाटी में स्थापित एक मात्र  स्टोन क्रशर संचालक के द्वारा तमाम नियम कानूनों को धत्ता बता कर क्रशर का संचालन किया जा रहा है। क्रशर की आड़ में सरकार एवं आम जनता को प्रति माह लाखों रूपयों का चूना लगाने की शिकायत जनता ने एस डी एम से की है ।

पिछले कई वर्षों से ग्वालदम-कर्णप्राग राष्ट्रीय राजमार्ग पर थराली विकासखंड के सोनला में एक उद्योगपति के द्वारा अभियोदय स्टोन क्रशर  के नाम से एक  क्रशर का संचालन किया जा रहा है। समय -समय पर इस क्रशर पर नियम कानूनों को दर किनार कर उसका संचालन किए जाने का आरोप लगता आ रहा हैं। किंतु आज तक भी उसके खिलाफ कोई भी बढ़ी कार्रवाई प्रशासन एवं खनन  विभाग के द्वारा नही की गई, जिससे क्रशर  संचालक के हौसले इस कदर बुलंदियों को छूने लगें हैं कि अब वे सीधे सरकार को तो प्रति माह भारी राजस्व का चूना लगा ही रहें हैं साथ ही आम आदमी की जेबों को भी ढीला करने में लग गए हैं।
आरोप है कि क्रशर से  गिट्टी एवं रेता आम तौर पर बिना तोल के ही क्रेशर के कारिन्दे बेचते हैं। हालांकि प्लांट में धर्म कांटा लगा हुआ है। बिना तोल के ही  रेत बेचने में ही बड़ा खेल किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि आम तौर पर एक घन मीटर करीब 17 से 18 कुंतल लें जाने वाले ट्रालों के चालकों से 26 से 28 सौ रुपए लिए जा रहे हैं। जबकि इन चालकों को 850.50 रूपए ग्रिट व रेत की कीमत के साथ ही सीजीएसटी एवं एसजीएसटी कुल 40.50 रूपए का रवना काट कर दें दिया जा रहा है। जबकि चालक एवं खरीददार को बताया जाता है कि ट्राला में 50 से 55 बैंग तक रोड़ी एवं रेत भर दी गई हैं। जानकारों के अनुसार वाहन चालक अथवा मालिक इस लिए चुप हो रहें हैं कि उनके वाहन में परिवहन विभाग से तैय लोड़ से अधिक का माल मिल रहा है जिससे उसे अधिक किराया मिल जाता है। जबकि स्थानीय आम आदमी की मजबूरी हैं कि आसपास नजदीक में अन्य क्रेशर की सरकार के दौरान स्वीकृति नही दी गई हैं तों उन्हें मजबूरन ही एक सौ से 110 रूपए प्रति क्विंटल की दर से क्रेशर पर ही खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है। जबकि मात्र एक घनमीटर की राॅयल्टी,सीजीएसटी एवं एसजीएसटी का कागज थमा कर प्रतिदिन कई घनमीटर रोड़ी,रेत बेच कर सरकार पर भी चूना लगाया जा रहा है। कमोवेश बड़े ट्रक,ट्रालों को भी उनकी स्वीकृत क्षमता का रवन्ना पकड़ा कर अधिक लोड़ भरते हुए उनसे भी जमकर चांदी काटी जा रही हैं।

इस संबंध में जब थराली के उपजिलाधिकारी रविन्द्र जुवाठा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि क्रशर से अगर इस तरह का गोलमाल किया जा रहा है तों वें इसकी जांच कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी उन्होंने भी स्वीकारा कि कम धनराशि का रवना कांट कर अधिक माल दिने से सरकार को नुकसान होगा।इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा।

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