शिक्षा/साहित्य

ज्योति बिष्ट का शिलर यूनिवर्सटी जेना(येना), जर्मनी में पीएचडी के लिये  चयन

देहरादून, 4 फ़रवरी।स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया उत्तराखंड राज्य कमेटी की पूर्व राज्य सचिवमण्डल सदस्य और वर्तमान राज्य कमेटी सदस्य  ज्योति बिष्ट का फ्रेडरिक शिलर यूनिवर्सटी जेना(येना), जर्मनी में पीएचडी के लिये  चयन हुआहै। ज्योति  सीमान्त जिला चमोली की निवासी हैँ।

ज्योति की स्कूली शिक्षा GIC देवाल, चमोली से और स्नातक और स्नातकोत्तर (रसायन शास्त्र) की शिक्षा गढ़वाल विश्वविद्यालय से हुई है। अपने चयन के वक्त वह नेशनल फिजिकल लेबोरेट्री दिल्ली में शोधकार्य कर रहीं थी।  ज्योति गोपेश्वर से बी एड भी उत्तीर्ण कर चुकी है।

सीमांत जिले चमोली के ब्लॉक देवाल से आने वाली ज्योति ने एस.एफ़.आई. की शिक्षा और संघर्ष की मिसाल को एक बार फिर से आगे बढ़ाया। ज्योति बेहतर सार्वजनिक शिक्षा के लिए निरंतर संघर्षरत हैं, उन्होंने अपनी सारी शिक्षा सरकारी संस्थानों से ग्रहण करी और अब जहाँ उन्हें पी एच डी में दाखिला मिला है वह भी जर्मनी का सार्वजनिक संस्थान है।
उत्तराखंड में रहते हुए जीवन के सभी संघर्षों के बावजूद उन्होंने हमेशा अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकल कर अध्ययन और संघर्ष के लिए पूरा वक्त निकाला। गढ़वाल विश्वविद्यालय में आउटसोर्स कर्मचारी आंदोलन, गोपेश्वर में बेहतर शिक्षा, जातिवादी हिंसा,महिलाओं के खिलाफ हिंसा तथा देश और राज्य में वाम जनवादी आंदोलन के विभिन्न प्रदर्शनों एवं आंदोलनों में वे अग्रणी भूमिका में रहीं और कई बार सत्तापक्ष के साथ में सीधे टकराव में रहीं।
एक बेहद बुद्धिमान, विनम्र,और विवेकशील साथी के लिए शब्द कम हैं पर खत्म करने से पहले यह इंगित करना भी जरूरी है कि वह अध्ययन के साथ साथ एडवेंचर, वाल राइटिंग, पोस्टर, भाषण व संगठन निर्माण में भी निपुण हैं और पशुओं से बेहद प्रेम करती हैं और आजकल कैटमोम भी बन चुकी हैं।

 

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