दुर्घटनाओं को दावत दे रहा रिखणीखाल का कंडलसेरा- द्वारी- भौन मार्ग, यहाँ बाघ भी घात लगाए रहता है
–रिखणीखाल से प्रभुपाल की रिपोर्ट —
पौड़ी जिले के रिखणीखाल प्रखंड के अन्तर्गत कंडलसेरा- द्वारी- भौन मार्ग जो कंडलसेरा से क्वीराली तोल्यो को जा रही है, की हालत इतनी खराब है कि वहां कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
इस खस्ताहाल सडक से होरही असुविधा और जोखिम के कारण लोग दुखी हैं और लोगों में दिनोंदिन भारी आक्रोश बढ़ता जा रहा है। यह सड़क प्रान्तीय निर्माण खंड लोक निर्माण विभाग लैसडौन के जिम्मे है।इसका लगभग आठ- नौ साल से डामरीकरण व मरम्मत का कार्य नहीं हुआ। कहने का अभिप्राय है कि इसका डामरीकरण का नम्बर ही नहीं आ रहा है।इसकी लम्बाई लगभग 12 किलोमीटर होगी।सड़क के दोनों ओर कंटीली झाड़ियां आ गई हैं जिससे जंगली जानवरों का खतरा दिन-भर दिन बढ रहा है।ये सड़क उसी स्थान से गुजरती है जहाँ 13/04/2023 को ग्राम डला निवासी बीरेन्द्र मिस्त्री को खूंखार बाघ ने निवाला बनाया था।
आये दिन इस मार्ग पर बाघ के आक्रमण की खबरें आती रहती हैं।इसी सड़क मार्ग पर ज्वाइनिंग पर द्वारी आ रहे ए एन एम और उसके पति को बाइक में सवार होने के चलते बाघ ने झपटा मारा था,बामुश्किल बच सके।इस सड़क पर बाघ की आहट व चहलकदमी बराबर देखी जा रही है।सड़क के दोनों ओर कंटीली झाड़ी,स्कवर,नाली टूटी फूटी हैं।सड़क पर पानी का बहाव होने से कीचड़ के छींटे लोगों के कपड़े खराब कर रहे हैं।स्थानीय लोग दो साल से शिकायत करते आ रहे हैं लेकिन लोक निर्माण विभाग चैन की नींद सो रहा है।सन 2019 व सन 2022 में चुने हुए जनप्रतिनिधि भी मौन हैं व अनदेखी कर रहे हैं।
इस सड़क मार्ग दो तरफ से दुर्घटना व अनहोनी की प्रबल सम्भावना बनी है एक तो सड़क दुर्घटना दूसरा बाघ का आतंक।सड़क बुरी तरह उखड गई है।सड़क की कंक्रीट से खडखड की आवाज आ रही है।डामरीकरण कहीं भी नहीं दिखाई देता।
इस सड़क पर डामरीकरण,झाड़ी कटान, स्कवर मरम्मत,नाली मरम्मत आदि कार्य किये जाने की मांग क्षेत्रीय लोग बराबर कर रहे हैं,उतनी बार दबी जुबान से गाली भी निकल रही है,लेकिन महात्मा गांधी के तीन बन्दर वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।न कोई सुनने वाला,न कोई देखने वाला और न कोई मुँह खोलने वाला।
अब इस सड़क की खराब हालत देखते हुए सन 2025 का नम्बर वन राज्य का संकल्प व सपना क्या ही पूरा हो पायेगा!