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केदारनाथ हेलीकाप्टर क्रैश: डीजीसीए ने जुर्माना भी ठोका फिर भी बाज नहीं आये

–जयसिंह रावत —

अगर केदारनाथ और उत्तरकाशी के हैलीकाप्टर हादसों से सीख ली होती और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की तीन महीने पहले की चेतावनी को महत्व दिया गया होता तो आज केदारनाथ में हेलीकाप्टर हादसा न होता और ना ही 7 कीमती जानें चलीं जातीं। डीजीसीए ने गत अगस्त में ही सुरक्षा नियमों की अवहेलना पर पांच हेली कंपनियों पर जुर्माना ठोकने के साथ ही दो कंपनियों के पायलटों पर 3 माह की रोक लगा दी थी।

31 मई कोभी हादसा होते होते बचा था 

केदारनाथ क्षेत्र में यह पहला हेलीकाप्टर हादसा नहीं है। आश्चर्य का विषय तो यह है कि कुछ ही दिनों के अन्दर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की केदारनाथ यात्रा होने वाली है। इसी साल 31 मई को जब केदारनाथ में लैंडिंग के समय एक हेलीकाप्टर के अनियंत्रित हो जाने से भीषण दुर्घटना होने से बाल-बाल बची थी तो डीजीसीए ने तत्काल एक टीम भेज कर 7 और 8 जून को केदारघाटी में हेली सेवाओं द्वारा सुरक्षा मानकों की अवहेलना की शिकायतों की जांच कराई थी। इस जांच में गंभीर अनियमितताएं पायी जाने पर डीजीसीए ने विस्तृत जांच का आदेश दिया था।

डीजीसीए की जाँच में  सुरक्षा मानकों गंभीर अनियमितताएं पायी गयीं थी 

31 मई को थम्पी कंपनी के हैलीकाप्टर ने जब अनियंत्रित स्थिति में केदारनाथ हेलीपैड पर हार्ड लैंडिंग की थी तो हैलीकाप्टर 270 डिग्री घूम गया था। उस स्थिति में अपनी बारी का इंतजार कर रहे सेकड़ों यात्रियों की जानें भी खतरे में पड़ गयीं थीं। डीजीसी की प्रारंभिक जांच के बाद जब 13 से लेकर 16 जून तक सुरक्षा मानकों का ऑडिट हुआ तो पाया गया कि पांच कंपनियों ने उड़ानों का सही और पूरा रिकार्ड ही मैंटेन नहीं कर रखा था। वह इसलिये कि ये कंपनियां अधिक से अधिक धन कमाने के लिये सुरक्षा मानकों की चिन्ता किये बगैर बेतहासा ढंग से उड़ानें भर रहीं थीं। दो अन्य कंपनियों के रिकार्ड तो मिले मगर उनके पायलट सुरक्षा दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर रहे थे।

 

सोये रहते हैं उत्तराखंड सरकार के प्रतिनिधि भी 

वहां पर कोर्डिनेशन के लिये गढ़वाल मंडल विकास निगम का प्रतिनिधि भी होता है और लोकल एसडीएम का ओवरऑल सुपरविजन होता है। लेकिन अज्ञात कारणों से हेली कंपनियों को मनमानी की छूट दे दी जाती है।

घोर लापरवाही पर डीजीसीए ने पांच कंपनियों पर 5-5 लाख का जुर्माना ठोका था 

इस घोर लापरवाही पर डीजीसीए ने पांच कंपनियों पर 5-5 लाख का जुर्माना ठोकने के साथ ही उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिये थे। जबकि दो अन्य कंपनियों के पायलटों के लाइसेंस तीन माह के लिये निलंबित कर दिये थे। बावजूद आज फिर बेहद खराब मौसम में भी आर्यन कंपनी के पायलट ने केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिये उड़ान भर दी। जिस तरह सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलीकापटर कोहरे के कारण विजिविलिटी के अभाव में पहाड़ी से टकरा गया था उसी प्रकार मंगलवार को हेलीकाप्टर केदारनाथ हेलीपैड से उड़ान भरने के पांच मिनट के अंदर ही खराब मौसम के कारण पहाड़ी से टकरा कर क्रैश हो गया। उस तंग घाटी में मौसम सदैव ही अनिश्चित और विकट रहता है। बरसात में तो खतरा कहीं अधिक बढ़ जाता है। इस साल मानसून समय से बहुत बाद 14 अक्टूबर का लौटा और उसके साथ ही वहां बर्फबारी भी शुरू हो गयी। 11750 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ तीन तरफा पहाड़ियों से घिरा हुआ है। सिर्फ केदारघाटी वाला क्षेत्र है, जो वी आकार का है और यही केदारनाथ पहुंचने का एकमात्र रास्ता भी है। मंदाकिनी नदी का स्पान काफी कम होने के कारण दोनों तरफ ऊंची पहाड़ियां हैं, जिससे घाटी बहुत ही संकरी है। साथ ही यहां मौसम का मिजाज कब खराब हो जाए, कहना मुश्किल है।

कंपनियां 120 करोड़ रुपये कमा चुकी हैं

हैली कंपनियों हर रोज की लाखों रुपये की कमाई छोड़ने का तैयार नहीं थीं। एक यात्री से आने जाने के लगभग 8 हजार रुपये लिये जाते हैं और एक समय में 6 यात्री बिठाये जाते हैं।इस बार अब तक डेढ लाख यात्री हेलीकाप्टरों से केदारनाथ पहुंच चुके हैं। इस तरह देखा जाय तो 3 महीने में ही हेली कंपनियां 120 करोड़ रुपये कमा चुकी हैं . केदारनाथ के लिए सिरसी, फाटा और गुप्तकाशी से हेली सेवा संचालित होती है। इसमें गुप्तकाशी से एयरो क्राफ्ट, आर्यन एविएशन, फाटा से पवन हंस, चिपसन एविएशन, थंबी एविएशन, पिनाक्ल एयर, सिरसी से एयरो क्राफ्ट, हिमालयन हेली, केट्रल एविएशन के माध्यम से हेली सेवा संचालित होती है।

12 सालों में करीब सात हादसे हो चुके हैं

केदारनाथ में हेलीसेवा दे रही कंपनियों की शिकायतें काफी पहले से आ रही थीं। इससे पहले भी डीजीसीए ने नीची उड़ाने भरने पर हेली कंपनियों को आगाह किया था। रुद्रप्रयाग में 12 सालों में हेली सेवा के दौरान करीब सात हादसे हो चुके हैं। साल 2013 में भी केदारनाथ आपदा के बाद राहत व बचाव कार्य में लगा सेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर जंगलचट्टी की पहाड़ी पर टकराने से क्रैश हो गया था।  इस हादसे में सेना के 20 अधिकारी और जवान शहीद हो गए थे। तब कई दिनों की खोज के बाद शव मिल पाए थे। उस वक्त भी दुर्घटना का कारण अचानक पहाड़ी क्षेत्र में छाया घना कोहरा बताया गया था। वहीं, आज फिर घना कोहरा सात लोगों की जान लील गया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा ने गुप्तकाशी से केदारनाथ जा रहे हैलीकाॅप्टर के गरुड़ चट्टी के पास क्रैस होने से हुए हृदय विदारक हादसे पर गहरा दुःख जताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गये लोगों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। उन्होंने कहा कि इस हृदय विदारक दुर्घटना से जो लोग असमय काल कल्वित हो गये हैं उनके परिजनों के लिए यह असहनीय दुःख है हम इस दुःख की घड़ी में उनके साथ हैं। ईश्वर मृतकों की आत्मा को शान्ति प्रदान करें तथा उनके परिजनों को इस असहनीय दुःख को सहन करने की शक्ति देवें।

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