अ. जा.की सेकड़ों बीघा जमीन हड़पी : कांग्रेस ने सरकार से की भू माफिया के खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग
देहरादून,14 दिसंबर। उत्तराखंड कांग्रेस ने देहरादून जिले के विकासनगर क्षेत्र में भू माफिया द्वारा अनुसूचित जाति की सैकड़ों बीघा जमीन हड़पे जाने का मुद्दा उठाते हुए राज्य सरकर से माफिया राज समाप्त करने की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा महरा दसौनी ने कहा कि गरीब अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की भूमि को संरक्षण प्रदान करने के लिए ऐतिहासिक कानून जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 (ZALR ) बना था जिसकी धारा 157 क में अनुसूचित जाति के भूमिधर की जमीन खरीद फरोख्त को नियंत्रित किया गया था। इस धारा के अनुसार अनुसूचित जाति के व्यक्ति की जमीन खरीदने के लिए कलक्टर या जिलाधिकारी की अनुमति अनिवार्य है। और अगर उस व्यक्ति के पास1.26 हेक्टेयर से कम जमीन रह गयी तो कलक्टर भी उसे जमीन बेचने की अनुमति नहीं दे सकता। गरिमा ने सवाल उठाया कि आखिर जिलाधिकारी की और से इतनी जमीन खरीदने की अनुमति कैसे मिल गयी और रजिस्ट्री दफ्तर ने इतनी रजिस्ट्रियां कैसे कर दीं । गरिमा ने फिर सवाल उठाया कि ZALR की धारा 154 के प्रावधानों के अनुसार उद्योग आदि कुछ ख़ास क्षेत्रों के अलावा 12 एकड़ से अधिक जमीन नहीं खरीदी जा सकती , फिर रति राम ने इतनी जमीनें कैसे खरीद ली ?
दसौनी ने कहा कि सरकार द्वारा बार बार भू कानून से छेड़छाड़ का अनुचित लाभ उठाते हुए कुछ भु माफियाओं द्वारा जमीनों की दलाली और खरीद फरोख्त से अपनी काली कमाई का धंधा बना लिया जिससे गरीब अनु० जाति के व्यक्तियों कि भूमि बेचने हेतु बनाये गये कानून का दुरुपयोग देखने को मिला है। दसौनी ने हतप्रभ करने वाला खुलासा करते हुए कहा की इस पूरे प्रकरण में बड़ा सवाल यह उठता है कि एक ही व्यक्ति को इतने बड़े पैमाने पर भूमि क्रय विक्रय करने की अनुमति भी मिलती रही और शासन प्रशासन में बैठे हुए किसी भी अधिकारी को उस पर शक नहीं हुआ या फिर यह सभी की मिली भगत का नतीजा है?
दसौनी ने कहा कि इस क्रम में रतिराम पुत्र ज्योति राम निवासी ग्राम व पो० ओ० सभावाला तहसील विकासनगर देहरादून नामक व्यक्ति द्वारा लगभग 200 से 300 बीघा भूमि फर्जी शपथ पत्र प्रस्तुत करके राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से अनुमति प्राप्त कर प्लाटिंग कर ऊँचे दामों में विक्रय कर दी गयी। इस कारण रतिराम पुत्र ज्योति राम निवासी सभावाला के विरूद्ध फर्जी शपथपत्र सम्बधित प्रकरण में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देहरादून के आदेश अनुसार थाना कोतवाली देहरादून में 420,467,468,471,120बी संबंधित धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया जिसकी जाँच गतिमान है । परन्तु रतिराम की पैठ इतनी गहरी है कि उसकी गिरफ्तारी पुलिस प्रशासन द्वारा अभी तक नहीं की गयी है।
दसौनी ने कहा कि जमीनों के घोटालों में सत्ताधारी दल के लोग भी शामिल हैं, इसलिए उन पर कार्यवाही नहीं होती। इसका ताजा उदाहरण भण्डारी बाघ क्षेत्र में भाजपा के सभासद है। जिन पर बड़े पैमाने पर लोगों की जमीन कब्जाने का आरोप है।
दसौनी ने मांग करते हुए कहा कि यह प्रकरण इतना गंभीर प्रवृत्ति का है कि जिसकी व्यापक जांच की जानी चाहिए और दोषी व्यक्तियों एवं संलिप्त राजस्व कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही किया जाना आवश्यक है। दसौनी ने अंदेशा जताया कि जब अस्थाई राजधानी देहरादून के विकासनगर में भ्रष्टाचारियों के मंसूबे इतने मजबूत हैं तो पता नहीं प्रदेश में कहां कहां भू माफियाओं के द्वारा इस तरह के कृत्य को अंजाम दिया जा रहा होगा।