उत्तराखंड में बजट मांगने में भी कंजूसी : 100 में से केवल 42 ने माँगा अब तक बजट
The process of budget making of Uttarakhand for the year 2024-25 is in progress. In this regard, the proposals received by the departments were reviewed in a meeting held in the Secretariat on Thursday under the chairmanship of Finance Secretary Shri Dilip Jawalkar. Secretary Finance said that the Finance Department had given instructions to the departments to send their demands to the Finance Department by December 15, 2023. Till now, out of 100 department heads, only 40 department heads have been able to demand the budget. The main reason for the remaining not being able to make the demand is that they have not filled in the details of the sanctioned and working posts in the department. If correct details of sanctioned and working posts are not filled, proper monitoring cannot be done from a financial management point of view and there remains a possibility of wastage. Only after filling in the accurate and 100% information about the sanctioned and working posts, it will be possible to ensure that the posts have been approved at the competent level to the salary to be drawn from the treasury.
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देहरादून, 14 दिसंबर । उत्तराखंड के वर्ष 2024-25 के बजट निर्माण की प्रक्रिया गतिमान है। इस संबंध में सचिव वित्त श्री दिलीप जावलकर की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में विभागों द्वारा प्राप्त प्रस्तावों की समीक्षा की गई। सचिव वित्त ने कहा कि वित्त विभाग द्वारा विभागों को 15 दिसम्बर, 2023 तक अपनी मांग वित्त विभाग को प्रेषित करने के निर्देश दिये गये। अब तक 100 विभागाध्यक्षों के सापेक्ष 40 विभागाध्यक्षों द्वारा ही बजट की मांग की जा सकी है। शेष द्वारा मांग नहीं कर पाने का मुख्य कारण यह है कि उनके द्वारा विभाग में स्वीकृत एवं कार्यरत पदों का विवरण नहीं भरा गया है। स्वीकृत एवं कार्यरत पदों का सही विवरण नही भरे जाने की स्थिति में वित्तीय प्रबन्धन के दृष्टिकोण से समुचित मॉनिटरिंग नहीं की जा सकती है तथा अपव्यय की आशंका बनी रहती है। स्वीकृत व कार्यरत पदों की सटीक व शत प्रतिशत जानकारी भरे जाने के उपरान्त ही यह सुनिश्चित हो सकेगा कि राजकोष से आहरित होने वाले वेतन के सापेक्ष पदों की सक्षम स्तर से स्वीकृति प्राप्त की जा चुकी हैं।
सचिव वित्त श्री दिलीप जावलकर ने कहा कि वित्त विभाग द्वारा विगत 06 माह से स्वीकृत एवं कार्यरत पदों का डेटा एकत्रित कर उसे कोषागार के आईएफएमएस पोर्टल पर एकीकृत करने का कार्य किया जा रहा है। फिर भी विभागों द्वारा उदासीनता बरती जा रही थी। इसी आलोक में वर्ष 2024-2025 के बजट मांग करने से पूर्व यह प्रतिबन्ध लगा दिया गया था कि विभागाध्यक्ष को पहले स्वीकृत व कार्यरत पदों का सटीक व शत प्रतिशत विवरण भरना अनिवार्य है।
उन्होंने निर्देश दिये कि भविष्य में कोई भी विभागाध्यक्ष अथवा आहरण वितरण अधिकारी अपने स्तर से, यदि स्वीकृत पद के सापेक्ष तैनातियां नहीं की गयी हैं, उनका वेतन आहरित नही कर पायेगें। साथ ही वेतनमान, प्रोन्नति एवं ससमय पेंशन प्राप्त करने में अधिकारियों एवं कार्मिकों को कठिनाई न हो इस हेतु आईएफएमएस पोर्टल के माध्यम से इसकी निरन्तर समीक्षा की जायेगी।
उन्होंने बताया कि निदेशक माध्यमिक शिक्षा के द्वारा अवगत कराया गया कि आठ हजार पदों की सूचना विभाग के स्तर पर संरक्षित नही होने के कारण सुलभ नही है उनके द्वारा विशेष छूट देने के लिए अनुरोध किया गया था जिसे स्वीकार नही किया गया है और उन्हें त्वरित कार्यवाही करते हुए पूर्ण व सही सूचना अविलम्ब भरने के निर्देश दिये गये। बैठक में विभागाध्यक्ष आयुर्वेद की ओर से किसी भी अधिकारी द्वारा प्रतिभाग नहीं किया गया। विभागाध्यक्ष के स्तर पर पदों की सूचना भी अंकित नहीं की गयी है। इस पर अप्रसन्ता व्यक्त की गयी। महानिदेशक चिकित्सा एवं परिवार कल्याण, निदेशक ई०एस०आई०, न्याय विभाग सहित लगभग 40 विभागों द्वारा अपेक्षित कार्यवाही नही की गयी है। उन्हें त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश बैठक में दिये गये।