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गढ़वाली गीत को स्वर दे कर लता जी ने गढ़वाली भाषा का मान बढ़ाया

https://www.youtube.com/watch?v=afHihdzyZac
https://youtu.be/afHihdzyZac?t=9

स्वर कोकिलालता मंगेशकर  का उत्तराखंड से संबंध भी बेहद पुराना रहा । न जाने कितनी भाषाओं में गीत गाने वाली लता मंगेशकर ने एक गढ़वाली गीतभी गाया और उसके लिए फीस भी नहीं ली थी। 1990 में गढ़वाली फिल्म रैबार रिलीज हुई। इस फिल्म में एक बेहद ही खूबसूरत गीत है, जिसके बोल हैं मन भरमेगे। इस गीत की रिकार्डिंग लता मंगेशकर द्वारा 4 अक्टूबर 1988 के दिन की गयी थी। रिकार्डिंग खत्म होने के बाद जब निर्माता किशन पटेल ने लता मंगेशकर को एक चैक दिया तो उन्होंने इसे बच्चों की एक संस्था को डोनेट करवा दिया। लता मंगेशकर का गाया हुआ ये एकमात्र गढ़वाली गीत है।  92 वर्ष की लता मंगेशकर 8 जनवरी से ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं और अब वो अपने जीवन की अंतिम यात्रा पर निकल पड़ी।

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