बाघ के आतंक से प्रभावित गांव अंधकार में, ग्रामीणों ने की बिजली व्यवस्था की मांग
–रिखणीखाल से प्रभुपल की रिपोर्ट —
बाघ व अन्य जंगली जानवरों के आतंक से प्रभावित गांवों में विद्युत अव्यवस्था से ग्रामीणों के लिए खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से खम्भों पर स्ट्रीट लाइट व बल्ब लगाने की मांग की है।
रिखणीखाल प्रखंड में बाघ व अन्य जंगली जानवरों के आतंक से जूझ रहे गांवों में बिजली के खम्भों पर स्ट्रीट लाइट व बल्ब लगाने की मांग ग्राम पंचायत नावेतल्ली के ग्रामीणों द्वारा बार बार उठायी जा रही है।
ग्राम पंचायत नावेतल्ली के प्रधान महिपाल सिंह रावत ने कहा कि रात के समय गांवों में घना अंधेरा होने के कारण जंगली जानवर बाघ,गुलदार,भालू,सूअर आदि गाँव के नजदीक आ जाते हैं तथा घर के अहाते में अंधेरे वाली जगह पर घात लगाये अपने शिकार का तीव्र ऑखो से इन्तजार करते रहते हैं।जंगली जानवर अंधेरा होते ही गांव के नजदीक आते हैं।
उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड अगर इन बिजली के खम्भों पर स्ट्रीट लाइट बल्ब ,सोलर लाइट की व्यवस्था कर दे तो काफी हद तक जंगली जानवरों का खतरा व भय में कमी आ सकती है,तथा बाहर शौच,मूत्र त्याग आदि जाने में वृद्ध,महिलाओ,बच्चों को परेशानी नहीं होगी।
बाघ प्रभावित ग्राम पंचायतों जैसे जुई ,मेलधार द्वारी नावेतल्ली,सिलगाव,क्वीराली,गाडियू,रजबौ,तोलियोडाडा आदि जैसे हैं।गाँव के नजदीक जितने भी विद्युत पोल हैं उन पर प्रकाश की व्यवस्था होनी अनिवार्य समझी जा रही है,चाहे साधारण बल्ब ही क्यों न हो।
ग्राम पंचायत नावेतल्ली के ग्रामीणों की मांग है कि अगर मानव जीवन को बचाना है तो समय पर ये व्यवस्था को अमलीजामा पहनाया जाये।आये दिन बाघ गाँव में रोज घरों व गोशालाओं के दरवाज़े खटखटा रहा है।
उन्होनें जिलाधिकारी गढ़वाल व उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड के आला अधिकारियों से अपील की है कि इस पर ध्यानाकर्षन करें।