आपदा/दुर्घटना

मेधा पाटकर जी सचमुच मेधावी हैं ! !

–गोविंद प्रसाद बहुगुणा

विगत एक शाम सुविख्यात पर्यावरण सेवी एवं गांधीवादी समाजसेवी पद्म विभूषण स्व सुंदरलाल जी बहुगुणा की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह नगर निगम के सभागार में संपन्न हुआ जिसमें मुख्य अतिथि नर्मदा बचाओ आन्दोलन की प्रेरणा एवं सुप्रसिद्ध जनसरोकारी सुश्री मेधा पाटेकर जी थी ।


इस अवसर पर बहुगुणा जी की द्वितीय पुण्यतिथि पर उनकी स्मृति में “हिमालय प्रहरी सम्मान 2023” बीज बचाओ आंदोलन के प्रणेता और चिपको कार्यकर्ता सर्वोदयी श्री विजय जड़धारी जी को प्रदान किया गया ।

मेधा पाटकर जी सचमुच मेधावी है उन्हें मैंने पहली बार लाइव
सुना । वह बड़ी प्रखर वक्ता है I उन्होंने कहा कि आज जल जंगल और पर्यावरण और मनुष्य के नैसर्गिक अधिकारों के पक्ष में बोलने और कार्यकरने वालों को “आंदलोन जीवी ” का खिताब मिलता है -अंधाधुंध बाजारीकरण और “कंपनीकरण ” के कारण बेरोजगारी तो बाद ही रही है साथ ही देश प्रतिदिन कर्ज में डूब रहा है -युवा शक्ति नाराज है ।

उन्होंने कहा झार(वन) एक छोटा सा राज्य है जहां वन सुरक्षित है लेकिन उत्तराखंड तो उससे अधिक बड़ा खण्ड है, यहाँ का वन क्षेत्र उसके मुकाबले कई गुणा अधिक है । लेकिन यहां के वन बांधों के कारण नष्ट हुए और वनों का व्यापारिक दोहन बड़ी निर्दयता पूर्वक हुआ । विगत दस वर्षों में केदारनाथ और जोशीमठ जैसी भयानक आपदाएं आई ।

एक बात मैंने और नोट की कि कल के कार्यक्रम में कोई “स्वघोषित यशस्वी” लोग दिखाई नहीं दिए,हालांकि बहुगुणा जी के विचारों का आदर करने वाले सभी प्रबुद्ध जन काफी संख्या में नगरनिगम के प्रेक्षा गृह में उपस्थित थे I एक ख़ुशी की बात यह सुनी कि बहुगुणा जी की स्मृति में दिया जाने वाला हिमालय बचाओ सम्मान की राशि का योगदन UCOST के पूर्व महानिदेशक डॉ राजेन्द्रा डोभाल द्वारा अपनी माता जी स्व गिरिजा देवी डोभाल की स्मृति में प्रतिवर्ष दिया जाएगा । एतदर्थ मैं उन्हें बधाई देता हूँ

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