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चमोली के घोड़ा – खच्चर संचालकों के साथ केदारनाथ यात्रा में हो रहा भेदभाव?

गोपेश्वर, 22 मई ( महिपाल)।
चमोली जिले के घोड़ा- खच्चर संचालकों ने रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन पर उनके साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। अभी हाल में आयुक्त के दौरे के मौके पर उनके सामने यह मामला रखा गया था।
यह स्थिति तब है, जबकि वहाँ यात्रियो को घोड़ा, खच्चर का इन्तज़ार मजबूरी हो गया है। इस संबंध में घोडा – खच्चर संचालकों ने बद्रीनाथ के विधायक राजेंद्र भंडारी को एक पत्र भेज कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की हैं।
दशोली ब्लाक के शैजी गांव के मनोज कुमार सेजवाल, नंदानगर (घाट) के नरेंद्र नेगी, कुंवर सिंह, सुरेंद्र रावत, रणवीर सिंह, सूरी नेगी, दिगंबर सिंह प्रेम सिंह, कमल सिंह, मुकेश नेगी, भवान सिंह, बिन्नी रावत, आलम राम, दिल्लू राम, संजय तिवारी, जोत सिंह बिष्ट, गुमान सिंह बिष्ट आदि घोडा – खच्चर संचालकों ने रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन पर केदारनाथ धाम की यात्रा पर गए चमोली जिले के घोड़ा – खच्चर संचालकों के साथ भेदभाव एवं सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जहां एक ओर तमाम आवश्यक दस्तावेजों के बावजूद उन्हें अपने घोड़ा – खच्चरों के संचालन में तमाम तरह से परेशान किया जा रहा हैं। वही उन्हे किसी भी तरह की सुविधाएं नहीं दी जा रही है, जिससे कई घोड़े, खच्चर संचालक अपने घोड़े खच्चरों को लेकर वापस लौट पड़े हैं।
इस संबंध में संचालकों ने बद्रीनाथ के विधायक राजेंद्र भंडारी के सामने भेदभाव का मामला उठाया है। इस संबंध में विधायक भंडारी ने कहा कि अगर वास्तव में केदारनाथ जाने – आने वाले घोड़ा – खच्चर संचालकों के साथ भेदभाव किया जा रहा हैं तो वास्तव में यह बेहद गंभीर मामला है।
उन्होने कहा कि कोरोना के कारण दो वर्षों से अन्य व्यवसाईयो के साथ ही घोड़ा, खच्चर संचालकों को भारी आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ा हैं। ऐसे में चमोली जिले के ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य के किसी भी घोड़ा – खच्चर संचालकों का जानबूझ कर उत्पीड़न किया जाता है तों उसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जाएगा। इस संबंध में सरकार से वार्ता करने के साथ ही आगामी मानसून सत्र में इस मामले को विधानसभा सत्र में उठाएंगे।

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