वन पंचायत क्षेत्र में चीड़ के कटे पेड़ों के ठूंठो पर रहस्यमय मार्किंग ने तूल पकड़ा
—रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट- थराली ––
विकासखंड देवाल के अंतर्गत सरकोट ग्राम पंचायत के वन पंचायत क्षेत्र में चीड़ के 5 मोटे-मोटे पेड़ों के कटान एवं इन पर लगे रहस्यमयी मार्किंग घन का मामला लगातार तूल पकड़ा जा रहा है।
इस संबंध में अलकनंदा वन एवं भूमि संरक्षण वन प्रभाग गोपेश्वर के थराली रेंज के वन क्षेत्राधिकारी रविंद्र निराला ने उपजिलाधिकारी थराली, प्रभागीय वनाधिकारी अलकनंदा गोपेश्वर के साथ ही बद्रीनाथ वनप्रभाग गोपेश्वर के मध्य पिंडर रेंज थराली के वन क्षेत्राधिकारी को मामले में आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र भेजे हैं।
रेंजर के द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि 25 फरवरी को अचानक जायका योजना के अंतर्गत 2018-19 में 10 हैक्टेयर क्षेत्र में निर्मित वनीकरण जिसे कि 2022 में वन पंचायत सरकोट को पूर्ण रूप से हस्तगत वनीकरण में अचानक सांय 5.30 बजे दवानल भड़क उठी सूचना पर रेंज कार्यालय से कर्मचारियों को दवानल बूझाने के लिए भेजा गया। रात करीब 11 बजे तक दवानल पर नियंत्रण के प्रयास किए जाते रहे।
बताया कि इस दवानल से करीब 3 हैक्टेयर वनीकरण क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इसके बाद 27 फरवरी को अलकनंदा रेंज के वन दरोगा कुंदन सिंह बोरा को वनीकरण क्षेत्र में आग लगने के कारणों को जानने के लिए भेजा गया तों वहां पाया गया कि वनीकरण एवं वन पंचायत सरकोट में 5 चीड़ के पेड़ों को काटा गया हैं। जिनके खूंटों पर संदेहास्पद घन लगें हैं। रेंजर ने एसडीएम, डीएफओ एवं मध्य पिंडर रेंज के रेंजर से मामले में आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है।