आयुध निर्माणी बोर्ड की सात नई रक्षा कंपनियां राष्ट्र को समर्पित
नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (PIB ) ।
‘विजयादशमी’ के अवसर पर रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) की सात नई रक्षा कंपनियों को राष्ट्र को समर्पित किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ भवन के कोठारी सभागार में आयोजित समारोह की अध्यक्षता की।
संचालन स्वायत्तता, दक्षता बढ़ाने और नई विकास क्षमता और नवाचार लाने के लिए, सरकार ने देश की रक्षा तैयारियों में आत्मनिर्भरता में सुधार के उपाय के रूप में ओएफबी को सरकारी विभाग से सात शत प्रतिशत सरकारी स्वामित्व वाली कॉर्पोरेट कंपनियों में बदलने का निर्णय लिया था। सात नई रक्षा कंपनियां हैं: मुनीशन्स इंडिया लिमिटेड (एमआईएल); आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (अवनी); एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्ल्यूई इंडिया); ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड (टीसीएल) (ट्रूप कम्फर्ट आइटम); यंत्र इंडिया लिमिटेड (वाईआईएल); इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल) और ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल)। इन कंपनियों ने 01 अक्टूबर, 2021 से कारोबार शुरू कर दिया है।
अपने वीडियो संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि इन कंपनियों को बनाने का निर्णय लंबे समय से अटका हुआ था। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये सात नई कंपनियां आने वाले समय में देश की सैन्य ताकत के लिए एक मजबूत आधार बनेंगी। भारतीय आयुध कारखानों के गौरवशाली अतीत का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद की अवधि में इन कंपनियों के उन्नयन की अनदेखी की गई, जिससे देश अपनी जरूरतों के लिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर हो गया। उन्होंने कहा,”ये 7 रक्षा कंपनियां इस स्थिति को बदलने में प्रमुख भूमिका निभाएंगी।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि “पिछले पांच वर्षों में हमारा रक्षा निर्यात 325 प्रतिशत बढ़ा है।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ओएफबी को सात रक्षा कंपनियों में बदलने के निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह कदम सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने कहा, यह निर्णय इन कंपनियों को स्वायत्तता प्रदान करेगा और उनके अधीन 41 कारखानों के कामकाज में जवाबदेही और दक्षता में सुधार करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नई संरचना ओएफबी की मौजूदा प्रणाली में विभिन्न कमियों को दूर करने में मदद करेगी और कर्मचारियों के हितों की रक्षा करते हुए इन कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बनने और निर्यात सहित बाजार में नए अवसरों की तलाश करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
ओएफबी कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्पादन इकाइयों से संबंधित ओएफबी (ग्रुप ए, बी और सी) के सभी कर्मचारियों को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के रूप में उनकी सेवा शर्तों में कोई बदलाव किए बिना दो साल की अवधि के लिए डीम्ड प्रतिनियुक्ति पर इन कॉर्पोरेट संस्थाओं में स्थानांतरित किया जाएगा।उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने 2024 तक एयरोस्पेस और रक्षा उपकरणों और सेवाओं में 1.75 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें 35,000 करोड़ रुपये का निर्यात भी शामिल है।75,000 से अधिक कर्मचारियों, देश के 10 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फैली 41 उत्पादन इकाइयों और कई गैरउत्पादन इकाइयों वाली संस्था में इतने बड़े सुधार को संभव बना दिया, जिसके पास 79,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है और सबसे बढ़कर, जिसकी विरासत 220 वर्षों से अधिक की है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, सचिव (रक्षा उत्पादन) राज कुमार, सचिव (पूर्व सैनिक कल्याण) बी आनंद, वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) संजीव मित्तल और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और रक्षा उद्योग संघों के कई प्रतिनिधि भी कार्यक्रम में उपस्थित हुए।