कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब पर कोई बैैन नहीं लगाया: नदीम

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काशीपुर, 16 मार्च (उही)। कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को लेकर विभिन्न लोगों द्वारा अलग-अलग भ्रामक टिप्पणियां की जा रही हैं, जबकि इस फैसले में हाईकोर्ट ने हिजाब पर कोई बैन नहीं लगाया हैै,बल्कि केवल कर्नाटक सरकार के स्कूलोें में ड्रेस कोड/यूनिफार्म के पालन सम्बन्धी शासनादेश को संवैैधानिक मानते हुये इस पर रोक से इंकार किया हैै।
काशीपुर निवासी 44 कानूनी पुस्तकों के लेखक व हाईकोर्ट के एडवोकेट नदीम उद्दीन ने इस फैसले की जानकारी देते हुुुये बताया कि कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एवं दो अन्य जजों की खण्डपीठ द्वारा 15 मार्च को दिये गये निर्णय में हिजाब को सिर के स्कार्फ के रूप में ही चर्चा करते हुुये निर्णय दिया गया हैै। इसमें हिजाब पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगायी गयी है बल्कि कर्नाटक सरकार के ड्रेस कोड/यूनिफार्म का स्कूलोें में पालन कराने सम्बन्धी आदेश को संवैैधानिक मानते हुुये निरस्त करने से इंकार कर दिया हैै। इस फैसले से छात्राओं द्वारा की गयी रिट पिटीशन 2347, 2146, 2880, 3038, 4309 तथा न्यूरो साइकटरिस्ट डा0 विनोद जी कुलकर्णी तथा घनश्याम उपाध्याय एडवोकेट द्वारा दायर रिटों पर सुनाया हैै। इन सभी रिटों को कार्यवाही योग्य न मानते हुये न्यायालय ने खारिज कर दिया हैै। जहां इसमें छात्राओं की रिट में कर्नाटक सरकार के आदेश दिनांक 05-02-2022 को खारिज करने तथा डा0 विनोद कुलकर्णी द्वारा ड्रेस में मुस्लिम छात्राओें को हिजाब पहनना शामिल करने तथा घनश्याम उपाध्याय एडवोेकेट ने कर्नाटक सरकार के शासनादेश दिनांक 05-02-2022 के विरोध में देश भर में हुये आंदोलनों में देश विरोेधी व्यक्तियों तथा संगठनों तथा विदेशी फंडिंग की जांच सी.बी.आई. तथा एन.आई.ए. व अन्य एजेन्सियों से कराने की प्रार्थना की गयी थी।
नदीम उद्दीन ने बताया कि इस निर्णय में उल्लेखित कर्नाटक सरकार के शासनादेश दिनांक 05-02-2022 में स्पष्ट किया गया हैै कि सरकारी स्कूलों में सरकार द्वारा निर्धारित, प्राइवेट स्कूल मैनेजमेन्ट द्वारा निर्धारित, प्री.यूनिवर्सिटी कॉलेजों में कालेज डेवलपमेन्ट कमेेटी या कालेज सुपरविजन कमेटी द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड/यूनिफार्म का अनिवार्य रूप से पालन किया जायेेगा। जहां कोई ड्रेस कोड निर्धारित नहीं है वहां समानता तथा एकता के अनुसार ऐसी ड्रेस होगी जिससे पब्लिक आर्डर में कोई बाधा न हो।

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