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टीएमयू हॉस्पिटल में युवती के पेट की जटिल सर्जरी

ख़ास बातें

  • बार-बार पथरी बनने से हो गया था से इंफेक्शनः डॉ. अविरल
  • ऑपरेशन के जरिए पित्त का रास्ता छोटी आंत के साथ जोड़ा
  • रू-अन-वाय सिस्टोजिजुनोस्टमी ऑपरेशन ढाई घंटे तक चला

–प्रो. श्याम सुंदर भाटिया

तीर्थंकर महावीर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में युवती के पेट का जटिल ऑपरेशन किया गया। बिजनौर निवासी 35 बरस की चरणो देवी के पित्ते में पथरी के साथ पित्त-गालब्लेडर के रास्ते और लीवर के अंदर कोलीडोकल सिस्ट-सूजन थी। इस सिस्ट से पित्त के मार्ग में रूकावट होने से बार-बार पथरी बन जाती थी। चरणो देवी को बार-बार स्टोन्स बनने से पीलिया, पेटदर्द और बुखार की समस्या आम थी। चरणो देवी के परिजन बताते है, बहुतेरी जगह इलाज कराया लेकिन कोई रिलीफ नहीं मिला। अंत में परिजनों उम्मीद की एक किरण के संग चरणो देवी को तीर्थंकर महावीर हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया।

टीएमयू के डॉ. अविरल गुप्ता ने बताया कि बार-बार पथरी बनने से इंफेक्शन हो गया है। यदि लंबे समय इंफेक्शन रहता है तो किसी भी मरीज को कैंसर होने का अंदेशा होता है। टीएमयू के अनुभवी डॉक्टरों की टीम- डॉ. सरीता कांत, डॉ. नितिन रस्तोगी, डॉ. अविरल गुप्ता, डॉ. पीयूष कुमार, डॉ. रिषभ, डॉ. अभिषेक, डॉ. कृतिका, डॉ. शाहनवाज, डॉ. यश, डॉ. यत्न ने आपस में परामर्श करके ऑपरेशन के जरिए पित्त का रास्ता छोटी आंत के साथ जोड़ने का फैसला लिया। डॉ. अविरल के मुताबिक यह बेहद जटिल सर्जरी थी, ढाई घंटे चले इस ऑपरेशन में पित्त को निकालने के बाद पित्त के रास्ते को छोटी आंत के साथ जोड़ दिया गया। इस सर्जरी को मेडिकल की शब्दावली में रू-अन-वाय सिस्टोजिजुनोस्टमी नाम से जाना जाता है। उल्लेखनीय है, मरीज के ऑपरेशन को एक सप्ताह बीत चुका है। मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है। उम्मीद है, एक-दो दिन में चरणो देवी डिस्चार्ज हो जाएगी।

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