उत्तराखंड में अब प्रत्येक नगर पालिका, निगम को बनाना होगा सड़क डॉटा रजिस्टर

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देहरादून, 8 दिसंबर   ( उ हि )।  अब उत्तराखंड के सभी नगर निकायों (नगर पालिका, नगर निगम, नगर पंचायतों) के अन्तर्गत आने वाले मार्गों की सूची, माप पुुुस्तिका में दर्ज कराकर, सड़क/डेटा रजिस्टर बनाकर स्थायी अभिलेख के रूप में रखा जायेगा। इसका शासनादेश सं0 1200  03 अक्टूबर 22 जारी कर दिया गया हैै।

 

यह आदेश सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन  की द्वितीय अपील सं0 33031 पर सूचना आयुुुक्त विपिन चन्द्र के आदेश दिनांक 09-05-22 के अनुुुपालन में किया गया है। नदीम नेे काशीपुुुर नगर निगम से सड़कों की चौड़ाई सम्बन्धी सूचना मांगी थी। उपलब्ध न करायेे जाने पर उत्तराखंड सूचना आयोग में द्वितीय अपील की गयी। मई 2022 में हुई द्वितीय अपील सं0 33031 की सुनवाई में सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र ने सड़कों की चौैड़ाई सम्बन्धी सूचनायें उपलब्ध न होने तथा सड़क डेटा/रजिस्टर न बनाने पर कड़ा रूख अपनाया।

सूचना आयुक्त  विपिन चन्द्र ने अपने निर्णय व आदेश दिनांक 09-05-22 में स्पष्ट लिखा कि अपीलार्थी द्वारा अनुरोध पत्र में मांगी गयी नगर निगम के क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न चौैड़ाई के मार्गों की संख्या की सूचनायें किसी भी नगर निगम या शहरी विकास के कार्यों के लिये बहुत महत्वपूर्ण है, जिसकी उपलब्धता होने पर सभी विकास कार्य जैसे सड़क निर्माण कार्य, जन सुविधायें देना आदि कार्य जनहित में सुचारू रूप से नगर निगम कर सकता हैै। इस प्रकार के उपलब्ध आंकड़े सम्पत्ति कर निर्धारण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। यह अत्यन्त आश्चर्यजनक बात हैै कि नगर निगम द्वारा इस बात का अब तक ध्यान नहीं रखा गया हैै।

सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र ने आदेश की एक प्रति सचिव शहरी विकास उत्तराखंड शासन, देहरादून को इस आशय सेे प्रेषित की हैै कि यदि शासन द्वारा नगर निगम, काशीपुर को सड़क डेटा/रजिस्टर रखने के शासनादेश पहले से ही जारी किये गये हैं तो काशीपुर नगर निगम के उन जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध उचित कार्यवाही करना सुनिश्चित करें जिन्होंने उक्त शासनादेशों की अवहेलना की। यदि पूर्व में इस प्रकार के शासनादेेश नहीं दिये गये हैैं तो वे काशीपुर नगर निगम के साथ-साथ नगर निगम/नगर पालिका क्षेत्रों में आने वाले मार्गों की सूची, माप पुस्तिका में दर्ज कराने के एवं सड़क डेटा/रजिस्टर बनाकर स्थायी अभिलेख रखने के आदेश पारित करना सुनिश्चित करें, तथा अनुपालन आख्या से आयोग को भी अवगत कराये। इस आदेश के उपरान्त भी शासन द्वारा शासनादेश जारी नहीं किया गया था। इस पर सूचना मांगने पर शासनादेश जारी किया गया तथा प्र्रथम अपील के आदेश पर उसकी प्र्र्र्रति उपलब्ध करायी गयी।

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