ऐतिहासिक गौचर मेले की तैयारियां अंतिम चरण में, अहिल्याबाई के नाम से भी बना द्वार
गौचर, 11 नवंबर (गुसाईं )। आगामी 14 नवंबर से आयोजित होने गौचर मेले की सभी तैयारियां लगभग अंतिम चरण में पहुंचा दी गई हैं। मेले के तीसरे प्रवेश द्वार को अहिल्याबाई के नाम से नया स्थाई द्वार भी बनाकर तैयार कर लिया गया है।
मेले के लिए मुख्य बाजार से मेला मैदान को विषेश रूप से सजाया जा रहा है। इस बार दुकानों को व्यवस्थित ढंग से बनाया जा रहा। त्रिपाल की जगह दुकानों की छत को लोहे की चादरों से पाटा जा रहा है। जानकारी के अनुसार कुल 287 दुकानों में से अब तक मात्र 167 दुकानें ही बिक पाई हैं। 129 सरकारी स्टालों में से 144 स्टाल विभागों को आवंटित किए गए हैं। मैदान के तीसरे प्रवेश द्वार पर अहिल्याबाई के नाम से शानदार स्थाई द्वार भी बनकर तैयार हो गया है।
मुख्य बाजार में सभी दुकानों पर एक समान बोर्ड लगाने का कार्य भी अंतिम चरण में पहुंचा दिया गया है। दरअसल नव नियुक्त मेला अध्यक्ष जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने मेले की सभी तैयारियां पूरी करने के लिए 12 नवंबर की डेड लाइन दी थी। इसी के मध्य नजर सभी अधिकारी कर्मचारी जुटे हुए हैं। इस बार दुकानों के रेटों में गत वर्ष की अपेक्षा दो हजार रुपए की वृद्धि की गई है।
मेला शुरू होने में दो दिन का समय शेष रह गया है। और अभी 120 दुकानों का खाली रहना भी चिंता का विषय बना हुआ है। खेल तमाशे भी अभी गिनती के ही पहुंच पाए हैं। व्यापार संघ अध्यक्ष राकेश लिंगवाल का कहना कि अभी मुख्य बाजार को भी सजाया जाना है। मैदान में भी सांस्कृतिक मंच बनाने का काम शुरू ही नहीं किया गया है। दूसरी ओर सोमवार को पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने गौचर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
उन्होंने बताया कि इस बार मेले के तीनों गेटों पर अलग अलग चौकियां बनाकर स्पीकर व वायरलेस से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा मेले पर ड्रोन से भी नजर रखी जाएगी। उन्होंने पार्किंग के बारे कहा कि चौपहिया वाहनों को भटनगर में रेलवे की मेघा कंपनी के ग्राउंड खड़ा किया जाएगा। दोपहिया वाहन इंटर कालेज के मैदान में खड़े होंगे।