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प्रधानमंत्री मोदी 17 अक्टूबर को दिल्ली में 2 दिवसीय प्रधानमंत्री किसान सम्मान सम्मेलन 2022 का उद्घाटन करेंगे

–उषा रावत —

नई दिल्ली, 15  अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  17 अक्टूबर 2022 को सुबह 11:45 बजे मेला ग्राउंड, आईएआरआई पूसा, नई दिल्ली में “पीएम किसान सम्मान सम्मेलन 2022” नामक दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे और किसानों और कृषि स्टार्टअप, शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं, बैंकर और अन्य हितधारक को संबोधित करेंगे।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि यह आयोजन देश भर के 13,500 से अधिक किसानों और 1500 एग्रीस्टार्टअप को एक साथ लाएगा। इस कार्यक्रम में 1 करोड़ से अधिक किसान वर्चुअल रूप से भाग लेंगे जिसमें 700 कृषि विज्ञान केंद्र, 75 आईसीएआर संस्थान, 75 राज्य कृषि विश्वविद्यालय, 600 पीएम किसान केंद्र, 50,000 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां और 2 लाख सामुदायिक सेवा केंद्र (सीएससी) जैसे विभिन्न संस्थान शामिल हैं। नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री और डॉ मनसुख मंडाविया, रसायन एवं उर्वरक मंत्री, भारत सरकार इस उद्घाटन समारोह में उपस्थित रहेंगे।

 

इस कार्यक्रम में निम्नलिखित समारोह शामिल हैं: –

16,000 करोड़ रुपये की 12वीं किस्त PM-KISAN के तहत लाभार्थी किसानों को जारी करना

पूसा, आईएआरआई, नई दिल्ली में पीएम किसान सम्मान सम्मेलन, 2022 के पहले दिन (17.10.2022)  माननीय प्रधानमंत्री मोदी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की पीएम-किसान नामक फ्लैगशिप योजना के तहत किसानों को 16,000 करोड़ रुपये राशि की 12 वीं किस्त जारी करेंगे।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान), भारत सरकार की एक प्रमुख योजना का उद्देश्‍य समावेशी और उत्पादक कृषि क्षेत्र के लिए नीतिगत कार्यों को शुरू करना और सार्वजनिक कार्यक्रमों का कार्यान्‍वयन करना है। यह योजना  प्रधानमंत्री द्वारा दिनांक 24.02.2019 को शुरू की गई थी। इस योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को प्रत्‍येक चार माह के अंतराल पर 2000/- रुपये की तीन समान किश्तों में प्रति वर्ष 6000/- रुपए का लाभ प्रदान किया जाता है। इस योजना का लाभ आधुनिक डिजिटल तकनीक का उपयोग करते हुए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण मोड के माध्यम से सीधे पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित किया जाता है। अब तक पीएम-किसान के तहत योग्य किसान परिवारों को 11 किश्तों में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिला है। इसमें से 1.6 लाख करोड़ रुपये कोविड महामारी के दौरान हस्तांतरित किए गए हैं।  प्रधानमंत्री द्वारा दिनांक 17.10.2022 को जारी की जाने वाली 12वीं किस्त के साथ लाभार्थियों को कुल राशि 2.16 लाख करोड़ रुपये से अधिक धनराशि हस्तांतरित किए जाना प्रत्‍याशित है।

इस पथप्रदर्शक योजना के शुभारंभ के बाद से, इस योजना ने कई उपलब्‍धियाँ हासिल की और पात्र किसानों के खातों में बड़े पैमाने पर सीधे धन के पारदर्शिक और निर्बाध हस्तांतरण के लिए प्रशंसा प्राप्त की है। इस योजना के कारण ही देश के किसानों को आसानी से कोविड महामारी के दौरान अपने दिन-प्रतिदिन के खर्चों का प्रबंधन करने में सहायता की है।

एग्रीस्टार्टअप कॉन्क्लेव और प्रदर्शनी का उद्घाटन

प्रधानमंत्री मोदी एग्री स्टार्टअप कॉन्क्लेव और प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। लगभग 300 स्टार्टअप पहले दिन सुव्‍यवस्‍थित खेती, फसलोपरांत एवं मूल्‍यवर्धन समाधान, संबद्ध कृषि क्षेत्र, वेस्ट टू वेल्थ, छोटे किसानों के लिए यंत्रीकरण, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और कृषि-संभार तंत्र से संबंधित अपने नवाचार का प्रदर्शन करेंगे। इस सम्मेलन में लगभग 1500 स्टार्ट-अप भाग लेंगे। यह मंच स्टार्टअप्स को किसानों, एफपीओ, कृषि-विशेषज्ञों और कॉरपोरेट्स आदि के साथ परिचर्चा करने की सुविधा प्रदान करेगा। दूसरे दिन, स्टार्टअप अपने अनुभव साझा करेंगे और तकनीकी सत्रों में अन्य हितधारकों के साथ परिचर्चा करेंगे। इसके अलावा, नीति निर्माता 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था में स्टार्टअप की भूमिका के साथ-साथ स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा सरकारी योजनाओं की व्याख्या करेंगे।

देश में कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए  कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (एमओएएंडएफडब्‍ल्‍यू) ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना – कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के कायाकल्प के लिए लाभकारी दृष्टिकोण ”(आरकेवीवाई-रफ्तार) की शुरूआत की है। आईएआरआई, मैनेज, एनआईएएम, एएयू और यूएस धारवाड़ जैसे पांच ज्ञान संगठनों और 24 आरएबीआई के साथ साझेदारी की गई है। प्री-सीड स्टेज स्टार्टअप के लिए 5 लाख और सीड स्टेज स्टार्टअप के लिए 25 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके अलावा, आरकेवीवाई-रफ्तार के तहत 2500  से अधिक कृषि-स्टार्टअप को कृषि क्षेत्र में छोटे खेत के आकार, खराब बुनियादी ढांचे, कृषि प्रौद्योगिकियों और सर्वोत्तम कृषि तकनीकों के कम उपयोग, उर्वरकों और निरंतर कीटनाशकों के अति उपयोग के कारण मृदा की उर्वरता में कमी जैसी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

600 पीएम-किसान समृद्धि केंद्रों (पीएम-केएसके) का शुभारंभ

प्रधानमंत्री, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार के 600 पीएम-किसान समृद्धि केंद्रों (पीएम-केएसके) का उद्घाटन करेंगे।

वर्तमान में देश में ग्राम, उप-जिला/उप-मंडल/तालुका और जिला स्तर पर लगभग 2.7 लाख उर्वरक खुदरा दुकानें हैं। वे कंपनी प्रबंधित, सहकारी या निजी डीलरों की खुदरा दुकानें हैं। खुदरा उर्वरक दुकानों को चरणबद्ध तरीके से वन स्टॉप शॉप में परिवर्तित किया जाएगा जिसे प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र कहा जाएगा। पीएमकेएसके देश में किसानों की जरूरतों को पूरा करेगा और कृषि आदान (उर्वरक, बीज, उपकरण); मृदा, बीज, उर्वरक के लिए परीक्षण सुविधाएं प्रदान करेगा; किसानों के बीच जागरूकता सृजन; विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करेगा और ब्लॉक/जिला स्तर के बिक्री केंद्रों पर खुदरा विक्रेताओं की नियमित क्षमता निर्माण सुनिश्चित करेगा। प्रायोगिक चरण में प्रत्येक जिला स्तर पर कम से कम एक खुदरा दुकान को मॉडल दुकान में बदला जाएगा। 3,30,499 खुदरा उर्वरक दुकानों को पीएमकेएसके में परिवर्तित करने का प्रस्ताव है।

भारत यूरिया बैग– किसानों के लिए एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना का शुभारंभ

प्रधानमंत्री उर्वरक क्षेत्र में एक राष्‍ट्र एक उर्वरक (ओएनओएफ) नामक सबसे बड़ी पहल का भी शुभारंभ करेंगे। भारत सरकार उर्वरक कंपनियों के लिए ब्रांड नाम “भारत” के तहत उनकी वस्‍तुओं का विपणन करना अनिवार्य कर रही है ताकि देश भर में उर्वरक ब्रांडों का मानकीकरण किया जा सके, भले ही कोई भी कंपनी इसे बनाती हो। यह “भारत यूरिया, भारत डीएपी, भारत एमओपी, और भारत एनपीके हो सकता है। सभी उर्वरकों के लिए एकल ब्रांड ‘भारत’ के विकास से उर्वरकों की बेतरतीब आवाजाही कम हो जाएगी जो उच्च माल ढुलाई सब्सिडी का कारण है।  पीएम एग्री-स्टार्टअप कॉन्क्लेव और किसान सम्मेलन, 2022 के भाग के रूप में  प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम के दौरान. भारत यूरिया बैग लॉन्च करेंगे।

साप्ताहिक उर्वरक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका का शुभारंभ

इंडियन एज एक अंतरराष्ट्रीय उर्वरक ई-पत्रिका है। यह किसानों की सफलता की कहानियों सहित हाल ही में हुई प्रगति, मूल्य रुझान विश्लेषण, उपलब्धता और खपत सहित घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उर्वरक परिदृश्य पर जानकारी प्रदान करेगी।

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