प्रधानमंत्री संग्रहालय स्वतंत्र भारत की यात्रा को प्रदर्शित करता है
नयी दिल्ली, 11 दिसंबर । प्रधानमंत्री संग्रहालय भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को मान्यता देता है और दिखाता है कि कैसे हमारे लोकतंत्र ने समाज के हर वर्ग और स्तर के नेताओं को राष्ट्र में योगदान करने का अवसर प्रदान किया है। संग्रहालय अपने प्रधानमंत्रियों द्वारा निर्देशित स्वतंत्र भारत की यात्रा को प्रदर्शित करता है। यह विशेष रूप से विभिन्न राज्यों के इतिहास पर ध्यान केंद्रित नहीं करता है। 14 अप्रैल, 2022 को प्रधान मंत्री द्वारा प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था।
यह दो इमारतों में फैला एक नया डिजिटल संग्रहालय है। बिल्डिंग 1 में पुरानी तीन मूर्ति इमारत, श्री जवाहरलाल नेहरू की गैलरी, संविधान गैलरी, तोशखाना और श्री जवाहरलाल नेहरू की निजी शाखा शामिल है। बिल्डिंग 2 में श्री लाल बहादुर शास्त्री से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह तक के प्रधानमंत्रियों के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक सुधारों के साथ-साथ व्यक्तिगत जीवन को भी प्रदर्शित किया गया है। भारत के प्रधान मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा किए गए योगदान पर प्रत्येक गैलरी प्रकाश डालती है।
यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी.किशन रेड्डी ने आज लोकसभा में दी।
जी.किशन रेड्डी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री संग्रहालय ‘अनुभूति’ नामक एक आगंतुक सहभागिता क्षेत्र से सुसज्जित है, जहां आगंतुक ‘प्रधानमंत्री के साथ सेल्फी’, ‘प्रधानमंत्री के साथ चलो’, ‘प्रधान मंत्री का पत्र’ और एक आभासी हेलीकॉप्टर सवारी जो राष्ट्र के वास्तुशिल्प और तकनीकी चमत्कारों को दिखाएगी, का विकल्प चुन सकते हैं। आगंतुक उस प्रधान मंत्री को चुन सकते हैं जिसके साथ वे सहभागिता क्षेत्र में समय बिताना चाहते हैं। आगंतुक विज़न 2047 फीडबैक वॉल पर अपना प्रेरणादायक संदेश दर्ज करा सकते हैं और साथ ही ‘यूनिटी चेन’ समूह में एक बड़ी दीवार पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं। संग्रहालय में लोगों के सुचारू आवागमन के लिए गोल्फ कार्ट और व्हील चेयर, गाइड/ऑडियो गाइड, कैफेटेरिया और एक स्मारिका दुकान भी है।