कांग्रेस का आरोप, राजपुर रोड डकैती ने खोली उत्तराखंड की कानून व्यवस्था की पोल
देहरादून, 15 नवंबर। उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य सूर्यकान्त धस्माना ने राजपुर रोड डकैती को लेकर राज्य सरकार और पुलिस को आड़ हाथों लेते हुए कहा कि राज्य स्थापना की 23 वीं वर्षगांठ के अवसर पर देश के सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति की उपस्थिति में व केन्द्रीय गृह मंत्री के आगमन से पूर्व जो डकैती की घटना उत्तराखंड की राजधानी के हृदय स्थल व पुलिस मुख्यालय से चंद कदमों की दूरी में दिन दहाड़े घटित हुई उसने पूरे राज की कानून व्यवस्था पर कालिख पोतने का काम किया है और हैरान करने वाली बात यह है कि इस शर्मनाक घटना के लिए मुख्यमंत्री ने पांच दिनों के बाद भी अभी तक किसी की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए कोई कार्यवाही नहीं कि है ।
इस मुद्दे पर राज्य सरकार पर जोरदार हमला करते हुए धस्माना ने कहा कि यह घटना एक तरह से राष्ट्रपति की सुरक्षा में छेद की तरह देखा जाना चाहिए था क्योंकि जिस वक्त राष्ट्रपति देहरादून में राज्य स्थापना के जश्न में शिरकत कर रहीं थीं उसी वक्त डकैतों ने इस घटना को शहर के हृदय स्थल में स्थित ज्वैलरी शो रूम में अंजाम दिया ।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि डीजीपी मुख्यालय से चंद कदमों की दूरी पर यह डकैती पड़ी जबकि दावा किया जा रहा था कि शहर के चप्पे चप्पे पर पुलिस का कड़ा पहरा है और डकैतों ने डीजीपी की नाक के नीचे डकैती डाल कर डीजीपी के द्वारा आयोजित क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल का धूम धाम से समापन कार्यक्रम कर दिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि कायदे में मुख्यमंत्री को तत्काल डीजीपी को पद से हटा देना चाहिए और जिले के पुलिस अफसरों को भी दंडित करना चाहिए।
श्री धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद 23 वर्षों में इतनी बड़ी व दुस्साहसी आपराधिक घटना पहली बार घटी और कार्यवाही के मामले में भी उतनी ही बड़ी लापरवाह व उदासीनता पहली बार देखने को मिल रही है कि पांच दिन बाद भी मुख्यमंत्री जो स्वयं गृहमंत्री भी हैं उन्होंने किसी की जिम्मेदारी फिक्स नहीं की और कोई कार्यवाही दिखावे के लिए भी नहीं करी। श्री धस्माना ने कहा कि राज्य की ध्वस्त पड़ी कानून व्यवस्था को मुद्दा बना कर कांग्रेस अब मजबूरी में सड़कों पर उतरेगी।