आपदा/दुर्घटनाब्लॉग

संता – बंता और भूकम्प सुरक्षा

by Piyoosh Rautela 

संता – भाई आजकल कुछ ज्यादा भूकम्प नहीं आ रहे हैं?

बंता – हो सकता है भूकम्प तो उतने ही आ रहे हो पर हमें पता ज्यादा चल रहा हो – संवेदनशील उपकरणों व मीडिया के कारण?

संता – क्या मतलब?

बंता – बाकी की आपदाओं का तो भाई पता नहीं, पर दुनिया भर के भूकम्प के आकड़े तो यही बताते हैं कि इनके आने कि आवृति में किसी भी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं हो रहा हैं।

पहले भी एक साल में औसतन उतने ही भूकम्प आते थे, जितने कि अब आ रहे हैं।

संता – पर भाई, अभी हाल 6 नवम्बर 2022 को सुबह 0833 पर टिहरी गढ़वाल में 4.5 परिमाण का और उसके बाद 9 नवम्बर 2022 को दो।

बंता – हाँ, सुबह 0157 पर पश्चिमी नेपाल में 6.7 परिमाण का और उसके बाद 0627 पर धारचूला में 4.3 परिमाण का।

संता – 72 घंटो में 03 भूकम्प।

कहीं यह सब किसी बड़े भूकम्प की चेतावनी तो नहीं?

बंता – वैसे कहो तो कई बार बड़े भूकम्प के आने से पहले सम्बन्धित क्षेत्र में छोटे भूकम्प आते हैं और वैज्ञानिक इन भूकम्पों को फोरशॉक कहते हैं।

23 अप्रैल 1992 को अमेरिका में आये 6.1 परिमाण के जोशुआ ट्री भूकम्प  से 2 घंटे पहले 4.4 व 3.3 परिमाण के दो भूकम्प आये थे।

संता – तो क्या इन फोरशॉक से भूकम्प का पूर्वानुमान नहीं किया जा सकता?

बंता – जानवरो के अस्वाभाविक व्यवहार के साथ-साथ फोरशॉक के विशिष्ट प्रारूप के आधार पर 4 फरवरी 1975 को चीन में आये 7.5 परिमाण के  हाईचिंग भूकम्प का पूर्वानुमान किया गया था और साथ ही तो भूकम्प आने के 5.30 घंटे पहले चेतावनी भी  जारी की गयी थी।

पर हर बार तो फोरशॉक आते नहीं हैं और फिर इनका प्रारूप भी एक सा नहीं रहता हैं।

सो हाईचिंग भूकम्प इस प्रकार की चेतावनी का अकेला उदाहरण हैं।

संता – कही अभी हाल 6 व 9 नवम्बर को आये यह भूकम्प  भी फोरशॉक ही तो नहीं?

बंता – बस यहीं तो मुश्किल हैं।

विगत में आया भूकम्प फोरशॉक था या नहीं, यह बड़े भूकम्प के आने या न आने पर निर्भर करता हैं।

संता – ये तो कोई बात नहीं हुयी।

अगर बड़ा भूकम्प आ गया तो फोरशॉक, वरना निल बटा सन्नाटा

बंता – अब जो हैं, सो यहीं हैं।

किसी भी भूकम्प को यूँ ही फोरशॉक  तो कहा नहीं जा सकता।

फिर फोरशॉक कहते ही यह भी तो पक्का हो जाता है कि हम बड़े भूकम्प के आने के प्रति आश्वस्त हैं।

संता – तो आगे आने वाले भूकम्पों का क्या?

बंता – अब एक बड़ा या 6.3 परिमाण का भूकम्प तो आ ही चुका हैं।

अब ऐसा है कि बड़े भूकम्प के बाद पृथ्वी के अन्दर चट्टानें सन्तुलन की स्थिति में आने की कोशिश करती हैं जिसकी वजह से क्षेत्र में लम्बे समय तक छोटे भूकम्प आते रहते हैं।

16 दिसम्बर 1811 को अमेरिका में आये 7.9 परिमाण के न्यू मेड्रिड भूकम्प  के बाद उसी दिन 7.4 परिमाण का भूकम्प आया था।

इसी तरह 14 नवम्बर 2016 को न्यूज़ीलैण्ड में आये 7.8 परिमाण के काईकोरा भूकम्प  के बाद 5.6, 5.9 व 6.5 परिमाण के भूकम्प आये थे।

और हाँ, बड़े भूकम्प से सम्बन्धित इन छोटे भूकम्पों को वैज्ञानिक आफ्टरशॉक  कहते हैं और इनका आना आम हैं।

संता – इसका मतलब तो यह हुवा कि क्षेत्र में आने वाले समय में आफ्टरशॉक आ सकते हैं.

बंता – बिल्कुल सही।

हाँ एक बात और, वैसे तो आफ्टरशॉक  का परिमाण अपेक्षाकृत कम होता हैं, पर मुख्य भूकम्प में क्षतिग्रस्त अवसंरचनाये इन छोटे भूकम्पों में धराशायी हो सकती हैं और इससे जान-माल की क्षति भी हो सकती हैं।

अतः सावधानी जरूरी हैं।

संता – इसका तो मतलब यही हुवा कि बड़े भूकम्प के बाद छोटे भूकम्पों का आना आम बात है और क्षेत्र में प्रायः आने वाले भूकम्पों को क्षेत्र की भूकम्प संवेदनशीलता के लिहाज से प्रकृति द्वारा दी जा रही चेतावनी समझा जा सकता है।

बंता – समझा जा सकता है नहीं, यह सच में प्रकृति द्वारा दी जा रही चेतावनी हैं।

और इस चेतावनी को गम्भीरता से लेते हुवे हमें अपनी व अपने प्रियजनों की सुरक्षा के उपाय करने चाहिये।

संता – जैसे कि?

बंता – चेतावनी के लिये मोबाइल पर Uttarakhand Bhookamp Alert एप इंसटाल करो,

चेतावनी मिलने के बाद क्या करना हैं, क्या नहीं करना हैं – इसके बारे में परिवार में सभी को बताओ व मिल-बैठ कर विचार-विमर्श करो,

घर को भूकम्प सुरक्षित बनाया बनाओ,

घर की संरचनात्मक व गैर-संरचनात्मक सुदृढ़ीकरण या रेट्रोफिटिंग करवाओ।

यही सब और क्या?

फिर अपनी और अपनो की सुरक्षा के लिये इतना तो किया ही जा सकता हैं।

(The post संता – बंता और भूकम्प सुरक्षा appeared first on Risk Prevention Mitigation and Management Forum.)

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