दशजूला पट्टी के रावल देवता की बन्याथ यात्रा का दूसरा चरण हुआ शुरू
गौचर, 13 दिसंबर ( दिग्पाल गुसाईं)। दशजूला पट्टी के गांवों के आराध्य रावल देवता के दूसरे चरण की घर दिवारा यात्रा पूरी होने के पश्चात अव पूरब दिशा की भ्रमण यात्रा पर निकल पड़ी है।
दशजूला पट्टी के गांवों के आराध्य रावल देवता की बन्याथ यात्रा 22 नवंबर से शुरू होकर विभिन्न गांवों का भ्रमण करने के पश्चात अब पुनः घर दिवरा यात्रा का दूसरा चरण प्रारंभ हो गया है। इस यात्रा में सबसे पहले पूरब दिशा से कुटुम्ब नगर (कुमेडीडांग), सेरा, द्यूका गांव का पहले दिन भ्रमण किया। इस दौरान तीनों गांवों की मातृशक्ति एव भग्तजनों द्वारा रावल देवता, लाटू देवता मां राजराजेश्वरी, के जयकारे के साथ भव्य स्वागत और रात्रीवास द्यूका गांव में किया।
दूसरे दिन रावल देवता की देवरा यात्रा सुबह द्यूका गांव से चलकर सेरुं,अमकांणा,चौखण्डा आदि गांवों, का भ्रमण कर थप्पल गाँव रात्रीवास के लिए पहुंचा। तीसरे दिन थप्पल गांव से भ्रमण करते हुए मां चण्डिका के मन्दिर के वाद रावल देवता देवरा यात्रा क्यूडी गांव पहुंची। यहाँ पर देवरा यात्रा का जयकारे के साथ भव्य स्वागत हुआ।
इस यात्रा में पं०अरुण प्रसाद खन्नाई,शिवप्रसाद मलवाल, अध्यक्ष बृजमोहन सिंह पंवार, सयोजक सुनील पंवार, नन्दा सिंह पंवार, राजेन्द्र सिंह पंवार (देवपश्व), विजय सिंह पंवार (देवपश्व), भूपेन्द्र सिंह बुटोला (देवपश्व), विपिन सिंह राणा (देवपश्व), आकाश सिंह पंवार (देवपश्व), राजेन्द्र सिंह पंवार,मोहन सिंह राणा,ढोल/दमांऊ वादक तेजबीर लाल सुनील लाल, आशी लाल दिलवर सिंह चौहान,मातवर सिंह पंवार,संग्राम सिंह कठैत,राजेन्द्र सिंह कठैत, उदय सिंह नेगी, राजपाल सिंह पंवार, नन्दन सिंह पंवार,दिग्पाल सिंह नेगी, हरीश सिंह पंवार, हनुमन्त सिंह पंवार, दिनेश सिंह पंवार, बलवन्त सिंह पंवार, नन्दन सिंह पंवार, कुंवर सिंह पंवार आदि कई लोग मौजूद रहे