सिनेमा के भविष्य को आकार देना: नवोदित फिल्म निर्माताओं को सशक्त बनाएगा इफ्फी 2024
As IFFI steps into its 55th edition, the festival continues to celebrate the artistry of cinema while fostering a new generation of storytellers. Through initiatives like the Best Debut Director Award, the Creative Minds of Tomorrow, and the extensive programming at Film Bazaar, IFFI reinforces its role as a cornerstone for emerging voices. By offering a supportive, inclusive, and collaborative platform, IFFI ensures that young filmmakers can share their unique perspectives with the world. The future of Indian cinema is indeed in capable hands. IFFI 2024, with its commitment to emerging talent, is paving the way for a cinematic renaissance where diverse voices can flourish.
-APIB eature-
रचनात्मक लोगों को एक साथ लाने और सांस्कृतिक सीमाएं पार करने की क्षमता के लिए विख्यात मंत्रमुग्ध कर देने वाली सिनेमाई दुनिया 20 नवंबर, 2024 को एक बार फिर से गोवा का रुख करते ही सिनेप्रेमियों को मोहित करने को तैयार है। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) का 55वां संस्करण अपने थीम, ‘युवा फिल्म निर्माता: भविष्य अब है’(‘यंग फिल्म मेकर्स : द फ्यूचर इज़ नाउ’) के माध्यम से युवा फिल्म निर्माताओं की क्षमता को अंगीकार करता है। इसका नवोदितों पर ध्यान केंद्रित करना इस बात की स्वीकारोक्ति है कि भारतीय सिनेमा का स्थायित्व और प्रगति इसके नए कहानी सुनाने वालों पर निर्भर है। ये युवा, नवोन्मेषी फिल्म निर्माता विलक्षण सिनेमाई अनुभव का सृजन करने के लिए पारंपरिक कथाओं को आधुनिक तकनीकों के साथ मिश्रित करते हैं। नवोदित फिल्म निर्माताओं के लिए आरंभ किए गए नए पुरस्कार तथा युवा प्रतिभाओं हेतु तैयार की गई पहलों के माध्यम से इफ्फी की थीम जीवंत हो उठी है। ये सभी कदम सिनेमाई अग्रदूतों की पीढ़ी को प्रोत्साहित करने के महोत्सव के लक्ष्य के अनुरूप हैं।
इस साल के इफ्फी को 101 देशों से 1,676 प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं, जो इस महोत्सव की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय साख का प्रमाण है। इफ्फी 2024 में 81 देशों की 180 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्में दिखाई जाएंगी, जिनमें 15 विश्व प्रीमियर, 3 अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर, 40 एशियाई प्रीमियर और 106 भारतीय प्रीमियर शामिल हैं। ग्लोबल सर्किट के विख्यात टाइटल और पुरस्कृत फ़िल्मों के चयन से युक्त इस साल का महोत्सव दर्शकों पर अपनी अमिट छाप छोड़ने को तैयार है। ऑस्ट्रेलियाई फ़िल्मों के समर्पित पैकेज और महोत्सव में सशक्त उपस्थिति के साथ ऑस्ट्रेलिया इफ्फी 2024 का फोकस देश होगा।
नवोदित प्रतिभाओं का सम्मान: सर्वश्रेष्ठ नवोदित भारतीय फिल्म खंड 2024
इफ्फी 2024 का एक मुख्य आकर्षण भारतीय फीचर फिल्म के सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक का पुरस्कार है, जो नवोदित उत्कृष्ट निर्देशकों को सम्मानित करता है। पुरस्कारों की सूची में जोड़ा गया यह पुरस्कार केवल भारतीय सिनेमा के भीतर नए दृष्टिकोणों को ही रेखांकित नहीं करता है, बल्कि भारत की क्षेत्रीय संस्कृतियों में निहित कथाओं की विविधता पर भी जोर देता है। इस वर्ष, देश भर से विभिन्न भाषाओं और क्षेत्रों से संबंधित पांच नवोदित निर्देशक अपने काम का प्रदर्शन करेंगे।
चयनित फिल्मों में लक्ष्मीप्रिया देवी की बूंग (मणिपुरी), नवज्योत बांदीवाडेकर की घरत गणपति (मराठी), मनोहर के की मिक्का बन्नाडा हक्की (कन्नड़), यता सत्यनारायण की रजाकर (तेलुगु), और रागेश नारायणन की थानुप्प (मलयालम) शामिल हैं।
102 प्रस्तुतियों में से चुनी गई ये डेब्यू फ़िल्में राष्ट्रीय मंच पर सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि का एक स्पेक्ट्रम लेकर आती हैं, जो स्थानीय कहानियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों के साथ जोड़ती हैं। पुरस्कारों की घोषणा समापन समारोह के दौरान की जाएगी। इसके तहत एक प्रमाण पत्र और 5 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। यह नया पुरस्कार देश की युवा फिल्मकार प्रतिभाओं को सम्मानित करने के लिए स्थापित किया गया है, जो ‘युवा फिल्म निर्माताओं’ पर केंद्रित इफ्फी की थीम के अनुरूप है। इफ्फी इस समर्पित मंच के माध्यम से नवोदित प्रत्भिाओं को प्रोत्साहित करता है, जिसकी बदौलत इन उभरते फिल्म निर्माताओं को व्यापक दर्शकों तक पहुंच कायम करने, अपनी पहचान बनाने और फिल्म उद्योग में अपनी जगह बनाने का दुर्लभ अवसर मिलता है।
रचनात्मक प्रतिभा को प्रोत्साहन : क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो
क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो पहल देश भर में युवा सिनेमाई प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देती है। आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत 2021 में 52वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के दौरान शुरू की गई इस पहल ने तीन सफल संस्करणों में 225 पूर्व सदस्यों का एक समूह तैयार किया है। अपने चौथे संस्करण में, सीएमओटी 13 अलग-अलग फिल्म शिल्पों में 100 प्रतिभाशाली युवा फिल्म निर्माताओं को सहायता देगा, जो पिछले वर्ष के 10 शिल्पों में 75 प्रतिभागियों से अधिक है। इस कदम से इन प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा। क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो पहल में इस वर्ष 1,032 प्रविष्टियों के साथ रिकॉर्ड तोड़ भागीदारी रही, जो 2023 की तुलना में लगभग दोगुनी है।
इस पहल के प्राथमिक लक्ष्यों में – युवा भारतीय प्रतिभाओं की पहचान करना, उन्हें अपनी अनूठी रचनात्मकता को साझा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करना और विविध फिल्म निर्माण विषयों में उत्कृष्टता की पहचान करना है। 54वें इफ्फी ने एक सीएमओटी टैलेंट कैंप की भी मेजबानी की, जहां प्रतिभागियों ने शीर्ष मीडिया और मनोरंजन कंपनियों से संपर्क किया, अपना काम प्रस्तुत किया और उद्योग-केंद्रित मास्टरक्लास और पैनल चर्चाओं में भाग लिया, जिससे युवा फिल्म निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण पेशेवर विकास और नेटवर्किंग के अवसरों को बढ़ावा मिला।
उद्योग से संबंधित सहयोग का गतिशील मंच: फिल्म बाज़ार 2024
फिल्म बाज़ार का 18वां संस्करण 20 से 24 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा, जो अब तक का सबसे बड़ा आयोजन होने जा रहा है, जिसमें फिल्म बाज़ार के विभिन्न क्षेत्रों में 350 से अधिक फ़िल्म प्रोजेक्ट प्रदर्शित किए जाएंगे। इस वर्ष का फिल्म बाज़ार भारत, बांग्लादेश, नेपाल, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, जर्मनी और हांगकांग के फ़िल्म निर्माताओं और उद्योग के पेशेवरों को सहयोगपूर्ण मंच प्रदान करेगा। इस वर्ष की सूची में हिंदी, अंग्रेज़ी, असमिया, तमिल और अन्य भाषाओं की फ़िल्में शामिल हैं, जो विविध प्रतिभाओं को निर्माताओं, वितरकों, पूंजी लगाने वालों और फ़ेस्टिवल प्रोग्रामर के सामने प्रोजेक्ट पेश करने का मौक़ा देती हैं। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव (इफ्फी) के साथ आयोजित इस कार्यक्रम में व्यूइंग रूम, वर्क-इन-प्रोग्रेस लैब, को-प्रोडक्शन मार्केट, नॉलेज सीरीज़ आदि जैसे प्रमुख खंड शामिल हैं।
फिल्म बाजार के व्यूइंग रूम में 208 फिल्में दिखाई जाएंगी, जिनमें भारत और दक्षिण एशिया की फीचर फिल्में, मध्यम लंबाई की फिल्में और लघु फिल्में शामिल होंगी। फिल्म निर्माताओं को वैश्विक वितरकों और बिक्री एजेंटों से जोड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया यह व्यूइंग रूम पेशेवरों को ऐसी फिल्में देखने का अवसर प्रदान करता है, जो या तो पूरी हो चुकी हैं, या पोस्ट-प्रोडक्शन में हैं। यह 21 से 24 नवंबर तक खुला रहेगा, जिसमें एनएफडीसी-एनएफएआई के संग्रह से चुनी गई 145 फीचर फिल्में, 23 मध्यम लंबाई की फिल्में, 30 लघु फिल्में और 10 पुन: प्राप्त की गई क्लासिक्स दिखाई जाएंगी।
फिल्म बाज़ार 2024 में एक नई पहल के रूप में सह-निर्माण बाज़ार में शीर्ष तीन सह-निर्माण प्रोजेक्ट हेतु 20,000 डॉलर का नकद अनुदान जोड़ा गया है। इससे सहयोग को बढ़ावा मिलेगा और नवोदित फिल्म निर्माताओं को सहायता प्राप्त होगी। सह-निर्माण बाज़ार में सात देशों की 21 फ़ीचर फ़िल्में और 8 वेब सीरीज़ दिखाई जाएंगी। नॉलेज सीरीज़ में फ़िल्म निर्माण, वितरण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर पिचिंग सेशन और कार्यशालाएं शामिल होंगी।
इस वर्ष, मंडपों और प्रदर्शनियों में विभिन्न देशों और राज्यों, फिल्म उद्योग, टेक एंड वीएफएक्स उद्योग आदि की ओर से अपार भागीदारी रहेगी। मंडपों में उद्योग जगत की बेहतर भागीदारी सुनिश्चित करने में मदद के लिए फिक्की के साथ साझेदारी के माध्यम से अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। इस वर्ष के फिल्म बाज़ार में मुक्त ‘खरीदार-विक्रेता’ बैठक भी आयोजित की जाएगी, जहां फिल्म निर्माता सहयोगियों से मिल सकते हैं।
फिल्म बाजार ने छह असाधारण फिक्शन फिल्मों की घोषणा की है, जिन्होंने इस साल इफ्फी में वर्क-इन-प्रोग्रेस लैब के लिए आधिकारिक चयन में जगह बनाई है। ये चयनित फिल्में हैं: ट्रिबेनी राय (नेपाली) की शेप ऑफ मोमोज, शक्तिधर बीर (बंगाली) की गंगशालिक (रिवर बर्ड), मोहन कुमार वलसाला (तेलुगु) की येरा मंदारम (द रेड हिबिस्कस), रिधम जानवे (गद्दी, नेपाली) की काट्टी री रात्टी (हंटर्स मून), सिद्धार्थ बड़ी (मराठी) की उमाल, विवेक कुमार (हिंदी) की द गुड, द बैड, द हंगरी। समय की कसौटी पर खरे उतरे मॉडल का पालन करते हुए यह लैब इस वर्ष भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के सत्रों का आयोजन करेगी। सहभागिता के विभिन्न तरीकों का यह मिश्रण फिल्म निर्माताओं और सलाहकारों को वास्तविक समय में विचार-मंथन करने और पोस्ट-प्रोडक्शन सहायता प्राप्त करने के तरीकों का पता लगाने का अवसर देता है। इन छह में से पांच फिल्में युवा और नवोदित फिल्म निर्माताओं की पहली फीचर फिल्में हैं। वर्क्स इन प्रोग्रेस (डब्ल्यूआईपी) खंड रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए इफ्फी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, और नई पीढ़ी के कलाकारों की नज़र से समकालीन जीवन की जटिलताओं को दर्शाने वाली विविध दर्शकों को प्रभावित करने वाली कहानियों को रेखांकित करता है।
फिल्म बाज़ार राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) द्वारा 2007 में शुरू किया गया था, तब से यह दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा सह-निर्माण बाज़ार और क्षेत्रीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचाने का बी2बी प्लेटफ़ॉर्म बन गया है। सफल फ़िल्में जैसे –लंच बॉक्स, मार्गरीटा विद अ स्ट्रॉ, चौथी कूट, किस्सा, शिप ऑफ़ थिसस, तितली, कोर्ट, अन्हे घोड़े दा दान, मिस लवली, दम लगाके हईशा, लायर्स डाइस और तिथि पहले भी इस प्लेटफ़ॉर्म से लाभान्वित हो चुकी हैं।
इफ्फी 2024 अपने सिनेमाई दायरे को व्यापक बनाने के लिए चार उत्साहजनक अंतर्राष्ट्रीय निर्माण खंडों की पेशकश करता है : राइजिंग स्टार्स -नवोदित निर्देशकों के काम की सराहना करने से संबंधित है; मिशन लाइफ, पर्यावरण के प्रति जागरूक फिल्मों को रेखांकित करता है; ऑस्ट्रेलिया: फोकस देश है, ऑस्ट्रेलियाई कहानी कहने की कला के संबंध में जानकारी देता है; और ट्रीटी कंट्री पैकेज, ब्रिटिश फिल्म इंस्टीट्यूट से चयनित है। जोड़े गए ये खंड महोत्सव की विविधता को बढ़ाते हैं, लचीलेपन, नवाचार और सिनेमाई कलाओं की विकसित प्रकृति को उजागर करती वैश्विक कहानियों को लाते हैं। समावेशन की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, इफ्फी 2024 कम प्रतिनिधित्व पाने वालों के लिए अपने समर्थन पर बल देते हुए महिलाओं द्वारा निर्देशित 47 फ़िल्में और युवा और नवोदित फ़िल्म निर्माताओं की 66 फ़िल्में प्रदर्शित कर रहा है। वूमन इन सिनेमा खंड विशेष रूप से नवोदित प्रतिभाओं और महिला निर्देशकों के प्रभावशाली योगदान का सम्मान करता है, जो अधिक समावेशी फ़िल्म उद्योग के लिए इस महोत्सव के पक्ष समर्थन को आगे बढ़ाता है।
समृद्ध शैक्षिक अनुभव
फिल्म प्रदर्शन के अलावा इफ्फी अपने मास्टरक्लास और पैनल चर्चाओं के माध्यम से व्यापक शैक्षिक अनुभव प्रदान करता है। उपस्थित लोग एआर रहमान, शबाना आज़मी, मणि रत्नम, विधु विनोद चोपड़ा और अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों फिलिप नॉयस और जॉन सील जैसे सिनेमाई दिग्गजों से सीख ग्रहण कर सकते हैं। ये सत्र साउंड डिजाइन और निर्देशन से लेकर अभिनय तकनीकों तक, फिल्म निर्माण के विभिन्न पहलुओं को कवर करते हैं, जो युवा फिल्म निर्माताओं को शिल्प की गहरी समझ प्रदान करते हैं।
इस तरह की विविध शिक्षण संभावनाएं प्रस्तुत करने की दिशा में इफ्फी के प्रयास, युवा फिल्म निर्माताओं को ज्ञान, उपकरण और नेटवर्क से लैस करने के उसके मिशन को प्रतिध्वनित करते हैं, जिनकी उन्हें राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर प्रभाव डालने के लिए आवश्यकता है।
निष्कर्ष
ऐसे समय में, जब इफ्फी अपने 55वें संस्करण का आयोजन करने जा रहा है, यह महोत्सव कहानीकारों की नई पीढ़ी को बढ़ावा देते हुए सिनेमाई कलात्मकता का जश्न मनाना जारी रखे हुए है। सर्वश्रेष्ठ डेब्यू निर्देशक पुरस्कार, क्रिएटिव माइंड्स ऑफ़ टुमॉरो और फिल्म बाज़ार में व्यापक प्रोग्रामिंग जैसी पहलों के माध्यम से, इफ्फी नवोदित प्रतिभाओं के आधार के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत करता है। इफ्फी सहायक, समावेशी और सहयोगपूर्ण मंच की पेशकश करते हुए यह सुनिश्चित करता है कि युवा फिल्म निर्माता अपने अनूठे दृष्टिकोण को दुनिया के साथ साझा कर सकें। भारतीय सिनेमा का भविष्य वास्तव में सक्षम हाथों में है, और इफ्फी 2024, नवोदित प्रतिभाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ सिनेमाई पुनर्जागरण का मार्ग प्रशस्त कर रहा है, जहां विविध प्रतिभाएं संवर सकती हैं।