गौचर मेले के उद्घाटन अवसर पर पत्रकार पहाड़ी और समाज सेवी अनिल सम्मानित

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गोपेश्वर, 14 नवंबर (गुसाईं ) गौचर में 70वॉं राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्रीधामी ने पत्रकारिता और समाज सेवा के लिए प्रमुख लोगों को सम्मानित भी किया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकार रमेश गैरोला  को गोविंद प्रसाद नौटियाल पत्रकार सम्मान और यूथ फाउंडेशन संचालित करने के लिए अनिल नेगी जी को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने देवेश जोशी द्वारा लिखी पुस्तक ‘धूम सिंह चौहान’ का विमोचन भी किया।

गौचर मेले में पहले दिन रावल देवता की पूजा के बाद प्रातः स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली। मेलाध्यक्ष द्वारा झंडारोहण कर मार्चपास की सलामी ली गई। गौचर मेला मुख्य द्वार से चटवापीपल पुल तक एवं वापसी उसी रूट से होते हुये मुख्य मेला द्वार तक क्रास कण्ट्री दौड़ का आयोजन किया गया। खेल मैदान में बालक एवं बालिकाओं की दौड़, नेहरू चित्रकला प्रतियोगिता, शिशु प्रदर्शनी और शिक्षण संस्थाओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या पर रात्रि को मसहूर जादूगर द्वारा एक जादुई यात्रा में हैरत अंगेज जादू दिखाएं जाएंगे। गौचर मेले में पारम्परिक पहाडी संस्कृति से सजा पांडाल मेलार्थियों के बीच खासे आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, कैबनेट मंत्री/जनपद के प्रभारी मंत्री डा.धन सिंह रावत, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, रूद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत, पूर्व विधायक मुन्नी देवी शाह, कर्णप्रयाग ब्लाक प्रमुख चन्द्रेश्वरी देवी, गौचर नगर पालिका अध्यक्ष अंजू बिष्ट, कमिश्नर गढवाल/मेला संरक्षक सुशील कुमार, जिलाधिकारी/मेलाध्यक्ष हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोबाल, मुख्य विकास अधिकारी ललित नारायण मिश्र, मेलाधिकारी संतोष कुमार पांडेय आदि सहित बडी संख्या में मेलार्थी मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड को मेलों की संस्कृति और विचारों का मिलन स्थल माना जाता है। यहॉ के प्रसिद्व मेलों में से एक अनूठा मेला गौचर मेला है। गौचर अपने ऐतिहासिक व्यापार मेले के रूप में जाना जाता है। गढवाल के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर के सुझाव पर माह नवम्बर, 1943 में प्रथम बार गौचर में व्यापारिक मेले का आयोजन शुरू हुआ तथा बाद में धीरे-धीरे इसने औद्योगिक विकास मेले एवं सांस्कृतिक मेले का स्वरूप धारण कर लिया। गौचर मेले का आयोजन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं0 जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिन के अवसर पर 14 नवंबर को होता है। यह मेला संस्कृति, बाजार तथा उद्योग तीनों के समन्वय के कारण पूरे उत्तराखण्ड में लोकप्रिय बन चुका है। मेले में कई प्रकार की दुकाने लगाई जाती है। साथ ही मेले में स्थानीय लोग हाथ से बनायें ऊनी स्वेटर तथा कई प्रकार के वस्त्रो का विपणन भी करते है।

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