बीकेटीसी के अध्यक्ष के तौर पर अजेंद्र के कार्यकाल को कांग्रेस ने बताया निराशाजनक
देहरादून, 7 जनवरी। उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष पद पर रहे अजेंद्र अजय के कार्यकाल को विवादास्पद और निराशाजनक बताते हुए इस पद पर किसी निर्विवाद और दूरदर्शी व्यक्ति की नियुक्ति की मांग की है।
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कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारो से वार्ता के दौरान दसौनी ने कहा की बीकेटीसी के अध्यक्ष के तौर पर अजेंद्र अजय पूरी तरह से एक विफल अध्यक्ष साबित हुए जिनकी वजह से बीकेटीसी लगातार तीन साल तक विवादों में घिरा रहा। गरिमा ने कहा की अजेंद्र अजय का सबसे बड़ा विवाद जिसका आज तक निस्तारण नहीं हो पाया वह है केदारनाथ मंदिर परिसर से 228 किलो सोने का पीतल में तब्दील हो जाना, उसके अलावा मंदिर परिसर के बाहर एक क्यूं आर कोड लगा दिया गया जिससे समूचे उत्तराखंड में हड़कंप मच गया। बीकेटीसी शुरू में तो क्यूआर कोड मामले से पल्ला झाड़ता रहा पर तीन दिन बाद बीकेटीसी के प्रवक्ता ने पत्र जारी कर स्वीकार किया की क्यूं आर कोड उन्हीं के द्वारा लगाया गया था, तब तक लाखों रुपया चंदा जमा हो चुका था, आज तक पता नहीं चला कि वह चंदा किसके अकाउंट में गया।
दसौनी ने कहा कि अगर बात करें बीकेटीसी की नियमावली की तो पहली बार मंदिर परिसर के अंदर दर्शनार्थी गृह की व्यवस्थाएं पुलिस प्रशासन को संभालते हुए देखा गया जबकि आज तक मंदिर समिति के स्वयंसेवक ही इस कार्य को करते आ रहे थे और तो और गर्भ गृह से बड़ी संख्या में फोटो और वीडियो वायरल होते रहे और वीआईपी कल्चर पल्लवित पुष्पित होता रहा जो की सभी मंदिर एक्ट के विरुद्ध थे ।
गरिमा ने प्रदेश के मुखिया से निवेदन करते हुए कहा की कोई ऐसा व्यक्ति बीकेटीसी के अध्यक्ष के रूप में चयनित होना चाहिए जो हमारे चार धामों और बीकेटीसी की खोई हुई विश्वसनीयता गरिमा और प्रतिष्ठा को वापस लौट सके और संरक्षण कर सके।