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लैंसडौन क्षेत्र में बाघ की दहशत जारी, बकरियों के झुण्ड पर हमला

रिखणीखाल से प्रभुपाल रावत की रिपोर्ट–

पौड़ी गढ़वाल के लैंसडौन क्षेत्र के कई गावों में बाघ  (गुलदार) की दहशत जारी है। क्षेत्र के रिखणीखाल प्रखंड के ग्राम पंचायत नावेतल्ली के गाँवों में बाघ ने बकरी को निवाला बनाया। इसके बाद  ग्रामीण दहशत में हैँ।

ग्राम पंचायत नावेतल्ली के प्रधान महिपाल सिंह रावत ने जानकारी दी है कि कल दिन में एक छोटे से गांव टान्डियू में बाघ ने बकरी चुगाते समय पंकज सिंह पुत्र त्रिलोक सिंह रावत की बकरियों के झुंड पर धावा बोल दिया तथा एक बड़ी बकरी को अपने जबड़े में दबा लिया।पंकज सिंह बकरी छुड़वाने बाघ की तरफ भागा तो बड़ी मुश्किल से बकरी का मृत शव खींचा।पंकज बाल बाल बाघ के हमले से बचा।

गांव के लोग अपने पालतू पशुओं को बाहर चुगाने से घबरा रहे हैं।अब पशुओं की बिना घास व चुगान से भूखे मरने की स्थिति आ गई है।पशु खूँटे पर बंधे बंधे रह रहे हैं।इसी प्रकार तीन चार दिन पहले ग्राम नावेतल्ली के सिसैडाबर की तरफ भारी भरकम बाघ देखा गया है।ये बाघ गांव के ही वन पंचायत सरपंच दान सिंह पटवाल ने देखा तथा शोर मचाकर गांव वालों को चेतावनी दी।

ये पूरे ग्राम पंचायत के गांव घने जंगलों के बीच में स्थित हैं।पूरा ग्राम पंचायत में खेतों में व रास्तों पर कंटीली झाड़ियां उगी हुई है।जिनमें जानवर दिन रात छुपे रहकर घात लगाये बैठे रहते हैं।

इन गाँवो में सिर्फ दो दो सोलर पावर लाइट लगे हुए हैं जो कि नाकाफी है।रात में गांव के चारों तरफ अंधेरा पसरा रहता है।लोग भी घरों के आगे लाइट खुला नहीं रखते।आजकल रात में भी बिजली कटौती हो रही है ये कहना है ग्राम द्वारी के वन पंचायत सरपंच विनोद मैन्दोला का।

गांवों में रात्रि में रोशनी के लिए अतिरिक्त सोलर पावर लाइट की आवश्यकता महसूस की जा रही है।महिलाओ,वृद्ध बच्चो को रात में मूत्र त्याग करने बाहर आने में बिना रोशनी के परेशानी है,कभी भी कोई अनहोनी की आशंका है।

समय रहते यदि इन गावों में अतिरिक्त सोलर पावर लाइट की व्यवस्था हो जाये तो कुछ हद तक बाघ से बचाव की समस्या दूर हो सकती है।जब काम बिगड़ जायेगा तब सान्त्वना व मुआवजा देकर क्या फायदा? इससे पहले ही शासन , प्रशासन व जनप्रतिनिधि आवश्यक साज सज्जा तैयार कर दे तो फिर सान्त्वना देने की आवश्यकता नहीं होगी।

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