इस बरसात में भी पानी के लिए तरस रहे गौचर के लोग

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–गौचर से दिग्पाल सिंह गुसाईं —

अलकनंदा के किनारे बसे  गौचर की नगर  पालिका क्षेत्र में इन दिनों प्रयाप्त मात्रा में पानी होने के बावजूद भी क्षेत्र की जनता गंभीर पेयजल संकट से जूझ रही है। लेकिन ताजुब तो इस बात का है कि शिकायतों का अंबार होने के बावजूद भी विभागीय अधिकारी हरकत में नहीं आ पा रहे हैं।

जनपद चमोली के गौचर पालिका क्षेत्र की जनता को पेयजल मुहैया कराने के लिए  प्राकृतिक जल श्रोतों के अलावा करोड़ों की लागत से रीवर बैंक फिल्ट्रेशन योजना के तहत लिफ्ट पेयजल योजना का भी निर्माण किया गया है। बावजूद इसके क्षेत्र की जनता गर्मी हो बरसात पेयजल संकट से जूझने को मजबूर है गर्मी के दिनों में प्राकृतिक जल श्रोतों के सूखने के कगार पर पहुंचने से गंभीर पेयजल संकट पैदा हो जाता है तो बरसात में नलों पर मिट्टी व कूड़ा करकट आने से नल चोक हो जाते हैं।

दरअसल पालिका क्षेत्र के लिए प्राकृतिक जल श्रोत की लाइन पर जो टैंक बनाया गया है उस पर फिल्टर की व्यवस्था न होने से नलों का चोक होना आम बात हो गई है।नौबत ऐसी आ गई कि जिस प्रकार से जल संस्थान के कार्यालय में शिकायतों का अंबार लग रहा है इससे ऐसा प्रतीत होता है कि मानो पूरे शहर की पेयजल व्यवस्था ही चोक हो गई हो। हालांकि विभाग के कर्मचारी नलों को खोलने के काम में सुबह से शाम तक जुटे रहते हैं लेकिन व्यवस्था पटरी पर आने का नाम नहीं ले रही है। यही नहीं बरसात के दिनों में नलों पर मिट्टी युक्त पानी बहने लगता है सो अलग बात है पूर्व पालिकाध्यक्ष मुकेश नेगी का कहना है उन्होंने अपने कार्यकाल में जनता की समस्या को देखते हुए रीवर बैंक फिल्ट्रेसन योजना  के तहत पेयजल लिफ्ट योजना का निर्माण करवाया था। विभाग इसका संचालन क्यों सही ढंग से नहीं कर पा रहा है इस संबंध में जल संस्थान के अधिकारी ही बेहतर बता सकते हैं।उनका कहना था कि पेयजल योजनाओं पर फिल्टर लगाने की मांग वे करते रहे लेकिन किसी ने सुना ही नहीं जिसका नतीजा आज क्षेत्र की जनता भुगत रही है

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