उत्तराखण्ड के पौराणिक पर्वत दूनागिरी नाम का अत्याधुनिक युद्धपोत आज होगा लॉंच

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नयी दिल्ली, 14 जुलाइ (उहि)। उत्तराखण्ड के चमोली जिले के सीमान्त क्षेत्र में स्थित दूनागिरी पर्वत के नाम पर रखे गये अत्याधुनिक युद्धपोत दूनागिरी पी-7ए फ्रिगेट को शुक्रवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह द्वारा कोलकाता के गार्डेन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर लिमिटेड से हुगली नदी में लॉन्च किया जा रहा है।पी-17ए पोतों का डिजाइन भारतीय नौसेना के डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन (डीएनडी) ने स्वदेश में तैयार किया है और इससे पहले भी वह विभिन्न श्रेणियों के स्वदेशी युद्धपोतों का डिजाइन सफलतापूर्वक तैयार कर चुका है।

यह पी-17 फ्रिगेट (शिवालिक) श्रेणी का पोत है जो संशोधित स्टील्थ फीचर, उन्नत हथियार और सेंसर तथा प्लेटफॉर्म मैनेंजमेंट सिस्टम से लैस है। दूनागिरी, पूर्ववर्ती दूनागिरी (लिएंडर) श्रेणी के एएसडब्ल्यू फ्रिगेट का संशोधित स्वरूप है जिसने 5 मई 1977 से 20 अक्टूबर 2010 तक 33 वर्ष तक अपनी सेवा दी और विभिन्न चुनौतीपूर्ण ऑपरेशंस तथा बहुराष्ट्रीय अभ्यासों का गवाह रहा।

 

किसी पोत की आत्मा उसकी क्षमता में निहित होती है और वह वैसा ही क्षमतावान अन्य पोत तलाशती है। पी-17ए प्रोजेक्ट के पहले दो पोत 2019 और 2020 में क्रमशः एमडीएल और जीआरएसई में लॉन्च किए गए थे। तीसरा पोत (उदयगिरी) इस साल 17 मई 2022 को एमडीएल में लॉन्च किया गया। इस चौथे पोत का इतने कम समय में लॉन्च किया जाना इस बात का प्रमाण है कि देश एक केन्द्रित दृष्टिकोण के साथ स्वनिर्भर पोत निर्माण की दिशा आगे बढ़ रहा है।

यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रति देश के अथक प्रयासों का परिणाम है और इसके तहत उपकरणों एवं प्रणाली के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर एमएसएमई समेत विभिन्न स्वदेशी फर्मो को दिए जा रहे हैं।

पी-17ए फ्रिगेट्स श्रेणी के इस चौथे पोत का नाम उत्तराखंड राज्य की एक पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है।महाकाव्य रामायण में हिमालय के इस पर्वत का उल्लेख तब आया है जबकि राम रावण युद्ध में लक्ष्मण घायल हो गये थे और उनके प्राण बचाने के लिये हनुमान द्रोणागिरी (स्थानीय नाम दूनागिरी) से संजीवनी बूटी ले गये थे। यह पर्वत विश्व विख्यात फूलों की घाटी के निकट है जिसे दुर्लभ वनस्पतियों का भण्डार माना जाता है। दूनागिरी पर्वत की समुद्रतल से ऊंचाई 7066 मीटर है।

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