केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तराखण्ड में आपदा की स्थिति का जायजा लिया

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देहरादून 21 अक्टूबर

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायजा लिया। उनके साथ राज्यपाल उत्तराखण्ड ले.ज. (से.नि.) श्री गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, उत्तराखण्ड के आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धन सिंह रावत  भी थे।


इसके बाद राज्य अतिथि गृह, जौलीग्रांट में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में आपदा की स्थिति और संचालित राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा की। भविष्य में और बेहतर आपदा प्रबंधन के लिए क्या किया जा सकता है, राज्य सरकार इस संबंध में अपने सुझाव भेजे। आपदाग्रस्त व जलभराव वाले क्षेत्रों में मेडिकल टीमें भेजी जाएं ताकि किसी तरह की बीमारियों को फैलने से रोका जा सके। क्षतिग्रस्त बिजली लाईनों को पूरी तरह जल्द से जल्द ठीक की जाए। केंद्रीय व राज्य की एजेंसियों में बेहतर समन्वय देखने को मिला, इसे इसी प्रकार बनाए रखा जाए।

बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री के समक्ष प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया गया कि भारी बारिश का अलर्ट मिलने के तत्काल बाद मुख्यमंत्री स्तर पर समीक्षा की गई। तुरंत इन्सीडेंस रेस्पोंस सिस्टम को राज्य व जिला स्तर पर सक्रिय कर दिया गया। एहतियातन तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया गया। साथ ही स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया गया। विभिन्न माध्यमों से यात्रियों और जनसाधारण को भी अलर्ट किया गया। ट्रैकर्स को भी अलर्ट किया गया। नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर रखी गई और आवश्यक कदम उठाए गए। आईएमडी के अनुसार सामान्य रूप से 1.1 मिमि बारिश होती है जबकि अभी 122.4 मिमि बारिश हुई। इन दो दिनों में सभी जगह रिकार्ड बारिश हुई। परंतु सही समय पर अलर्ट और तदनुसार एहतियात कदम उठाने से हानि को कम किया जा सका। प्रदेश में इस समय एनडीआरएफ की 17  टीमें तैनात हैं।


बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि  दो घंटे के हवाई निरीक्षण और समीक्षा बैठक में स्थिति का जायजा लिया। यह बात स्पष्ट है कि भारत सरकार द्वारा सही समय पर अलर्ट करने से नुकसान को कम किया जा सका। 24 घंटे पहले चेतावनी मिलने से मुख्यमंत्री ने पूरे सिस्टम को एक्टिवेट किया। लोगों को भी अलर्ट कर दिया गया। चारधाम यात्रियों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया गया। इसी का परिणाम है कि अभी तक चारधाम यात्रियों में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। यात्रा अब शुरू भी कर दी गई है। सभी एजेंसियां समय पर सक्रिय हो गई थी। प्रधानमंत्री जी ने मुख्यमंत्री से बात कर समय पर राज्य को हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए। भारत सरकार से हर सम्भव सहयोग दिया जा रहा है। सेंटर वाटर कमीशन और सिंचाई विभाग में अच्छा समन्वय रहा। अभी तक 64 दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हुई हैं। कुछ लोग लापता हैं। ज्यादातर सड़कें खुल गई हैं। पेयजल, बिजली, टेलीफोन नेटवर्क की आपूर्ति भी काफी बहाल कर दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने राहत व बचाव कार्य बहुत अच्छे से चलाया। इससे बहुत सी जानों को बचाया जा सका। 3500 लोगो को रेस्क्यू किया गया जबकि 16 हजार लोगों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। एनडीआरएफ की 17 टीमें, एसडीआरएफ की 60 टीमें, पीएसी की 15 कम्पनियां और पुलिस के 5 हजार जवान आज भी बचाव व राहत में लगे हैं। जल्द ही सामान्य स्थिति हो जाएगी। नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। वास्तविक नुकसान का आंकलन पूरे सर्वे के बाद हो पाएगा। वैसे डिजास्टर फंड में उत्तराखण्ड को पहले से ही 250 करोड़ रुपए की राशि दी गई है। इससे काम किया जा रहा है।

 

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