सेना के कमांडरों ने मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों और चुनौतियों पर किया दिल्ली में मंथन
-uttarakhand himalaya.in –
नयी दिल्ली, 3 अप्रैल।भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व ने नई दिल्ली में आयोजित सेना कमांडरों के सम्मेलन में मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों, सीमाओं पर स्थिति, भीतरी इलाकों और वर्तमान सुरक्षा तंत्र के लिए चुनौतियों के सभी पहलुओं पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया
यह एक शीर्ष स्तर का द्विवार्षिक कार्यक्रम है। सम्मेलन में संगठनात्मक पुनर्गठन, लॉजिस्टिक्स, प्रशासन, मानव संसाधन प्रबंधन, स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण, विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को शामिल करने और विभिन्न मौजूदा वैश्विक स्थितियों के प्रभाव के आकलन से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। सम्मेलन के तीसरे दिन रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व को संबोधित किया। पहले सीडीएस, सीओएएस, सीएनएस और सीएएस ने सम्मेलन को संबोधन किया इस दौरान भारतीय सेना के लिए ‘‘तकनीकी समावेश और रोडमैप” से संबद्ध योजनाओं पर एक संक्षिप्त विवरण भी दिया गया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि विश्व की वर्तमान जटिल स्थिति सभी को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि “हाइब्रिड युद्ध सहित अपरंपरागत और असीमित युद्ध भविष्य के युद्धों का हिस्सा होगा। भविष्य में साइबर, सूचना, संचार, व्यापार और वित्त संघर्षों का एक अविभाज्य हिस्से के रूप में सामने आ रहे हैं। इसके लिए आवश्यक हो गया है कि सशस्त्र बलों को योजना निर्धारण और रणनीति गठन के समय इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखना होगा।
उत्तरी सीमाओं पर वर्तमान स्थिति पर रक्षा मंत्री ने पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे सैनिक दृढ़ हैं, शांतिपूर्ण समाधान के लिए चल रही वार्ता जारी रहेगी। विघटन और डी-एस्केलेशन आगे का रास्ता है। रक्षा मंत्री ने सीमा सड़क संगठन के प्रयासों की सराहना की, जिसके कारण कठिन परिस्थितियों में काम करते हुए पश्चिमी और उत्तरी दोनों सीमाओं में सड़क संचार में परिमाण सुधार हुआ है।
रक्षा मंत्री ने पश्चिमी सीमाओं पर स्थिति का उल्लेख करते हुए सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए भारतीय सेना की प्रतिक्रिया की सराहना की। उन्होंने कहा कि हालांकि दुश्मन द्वारा छद्म युद्ध जारी है। रक्षा मंत्री ने कहा, “मैं जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खतरे से निपटने में केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल/पुलिस बलों और सेना के बीच उत्कृष्ट तालमेल की सराहना करता हूं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में समन्वित अभियान, क्षेत्र में स्थिरता बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं और इसे जारी रखना चाहिए।