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उत्तराखंड क्रांति दल का चिंतन शिविर 8 और 9 अक्टूबर को

बागेश्वर, 4 अक्टूबर। उत्तराखंड क्रांति दल की बागेश्वर जनपद की गरुड़ इकाई द्वारा आयोजित ८ वह ९ अक्टूबर को गहन चिंतन सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा तो जिसमे प्रदेशभर के बुद्द्धिजीबी, एक्टिविस्ट और समाजसेवी भाग के रहे हैँ।

सम्मेलन के आयोजक एवं उत्तराखंड क्रांति दल विधि प्रकोष्ट के अध्यक्ष डी के जोशी के अनुसार राज्य बनने के दो दशक बाद जन संघर्षों और शहादतो से बना हमारा पर्वतीय प्रदेश कहां खड़ा है, मुट्ठी भर लोगों के अलावा राज्य के शेष नागरिकों का जीवन स्तर किस रूप में कितना बदला है। शिक्षा चिकित्सा रोजगार और कृषि क्षेत्र में राज्य आगे बढ़ा है या पीछे सरका है। प्रशासनिक भ्रष्टाचार, नागरिकों का शोषण तेजी से सिकुड़ रहा कृषि क्षेत्र, छीनी जा रही नागरिक आजादी, जन विरोधी वन संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण, अभ्यारण्यों का विस्तार और विकास, हिंसक जानवरों के आतंक से अपने नागरिकों को सुरक्षा देने में पूरी तरह से नाकाम सत्ताएं ,न्याय कानून की संवैधानिकता पर लगते प्रश्न चिन्ह, जल विद्युत परियोजनाओं के लिए खाली करवाए जा रहे गांवों के लोगों का क्रन्दन, उजड़ती खेती खाली होते गांव,बढ़ता पलायन आदि शुलगते सवालों पर गहन मन्थन के लिए उत्तराखंड क्रांति दल की बागेश्वर जनपद की गरुड़ इकाई द्वारा ८ वह ९ अक्टूबर को गहन चिंतन सम्मेलन बुलाया गया है।

राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक तथा तकनीकी हस्तक्षेप से प्रदेश की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा व जीविकोपार्जन* जैसे गंभीर विषयों पर गहन चिंतन होगा।

इस बैठक  में उत्तराखंड क्रांति दल के  केंद्रीय अध्यक्ष  काशी सिंह ऐरी  सहित राज्य स्तर के पदाधिकारियों, एक्टिविस्टों, समीक्षकों, विभिन्न विषयों के विद्वान चिन्तको व छात्र नेताओं ने अपनी उपस्थिति उक्त कार्यक्रम में देने की सहमति दी है।

 

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