सुरक्षा

डिफेन्स एक्सपो -22 गांधीनगर में उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र ( USAC) भी

प्रो0 एम. पी.एस. बिष्ट गांधीनगर से-

दोस्तो !आज गुजरात की राजधानी गांधीनगर में पाँच दिवसीय भारत सहित विश्व के लगभग ५०० कम्पनियों द्वारा लगाई गई विशाल प्रदर्शनी (DEFEXPO 22) के उद्घाटन सत्र में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी व रक्षा मन्त्री श्री राजनाथ सिंह जी के द्वारा किया गया ।इस सुअवसर पर अड़ानी ग्रुप की संयोजिका सुश्री मीनु सिंह व स्विस ड्रोन कम्पनी के भारतीय प्रतिनिधि प्रबन्धक डा० श्रीधर जी के सौजन्य से मुझे भी विशेष निमंत्रण प्राप्त हुआ ।

१२ खण्डों में विभाजित यह प्रदर्शनी गांधीनगर के सुप्रसिद्ध कन्वेंशन सेंटर में आयोजित की गयी । इस प्रदर्शनी की विशेषता यह थी कि मोदी जी के “आत्मनिर्भर भारत“ की परिकल्पना का एक विहंगम साकार रूप के साक्षात्कार करने का अवसर प्राप्त हुआ । जीवन में ऐसे मौक़े कम ही मिलते हैं जब एक स्थान पर भारत की नामी गिनामी कम्पनी व नवाचार का सामूहिक प्रदर्शन एक स्थान में देखने को मिल जाए।

भारतीय सेना के आधुनिकतम हथियार हों चाहे एडवांस टेक्नोलॉजी के उपकरण इस स्थान पर आकर पता चलता है कि हम अब कितने समृद्ध साली व आत्मनिर्भर हो चुके हैं । जिन उपकरणों के नाम हमने कभी पत्रिकाओं व टीवी चैनल के माध्यम से सुना उनके साक्षात्कार का सुन्दर अवसर मिला। शूक्ष्मतम ड्रोन से लेकर दुनिया के सबसे बड़े ड्रोन की सैकड़ों किस्में इस प्रदर्शनी में लाई गई थी । आज का दिन इसलिये भी महत्वपूर्ण था कि इन सबका अवलोकन करने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के साथ साथ गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ धनी व्यक्ति में सुमार अड़ानी जी व जल, थल व वायु सेना के उच्चाधिकारियों को हर एक स्टाल में बड़ी उत्सुकता से भ्रमण करते हुये नज़र आये ।

हमारे प्रदेश के काविना मन्त्री श्री चन्दन राम दास जी भी किसी दूसरे प्रदेश के स्टाल में मिले तो  ख़ुशी इस बात की हुई जब पाँच नवाचार कम्पनी के देहरादून के बच्चे मन्त्री जी कोअपने अपने छोटे छोटे काउन्टर पर उत्सुकता से अपने मॉडल का प्रदर्शन करते दिखाई दिये ।

विभिन्न विशेषज्ञों से चर्चा के उपरान्त पता चला कि अपने प्रदेश के पहाड़ी इलाक़ों के लिये व अन्तराष्ट्रीय सीमा पर तैनात जवानों के लिये ड्रोन तकनीकी का उपयोग बहुत ही महत्वपूर्ण व लाभकारी हो सकता है । ख़ासतौर से पहाड़ी क्षेत्रों के उन विकट स्थानों जहां हम आसानी से नहीं पहुँच सकते इसकी उपयोगिता बहुत ही लाभकारी होगी । आपदा, मेडिकल एड, राहत सामग्री, वनाग्नि, सर्वलॉन्स जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में हम इन ड्रोन की सहायता ले सकते हैं । हिमनदों का समय समय पर आंकलन, एवलॉच क्षेत्रों की मॉनिटरिंग कुछ ऐसे अति विशिष्ट क्षेत्र हैं जहां इसकी उपयोगिता बहुत ही महत्वपूर्ण सावित हो सकती है ।

कहने को तो हमारा प्रदेश भारत का पहला ड्रोन रिसर्च सेंटर के लिये पूर्व एन टी आर ओ प्रमुख जोशी जी द्वारा भूतपूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत  के कार्य काल में घोषित हो चुका था । हमारे प्रदेश के बच्चे अड़ानी, अम्बानी ग्रुप के स्टाल से लेकर अपने खुद के स्टार्टअप में बख़ूबी से प्रदर्शन करते नज़र आए ।

भारत का प्रथम प्राइवेट मिनी उपग्रह का प्रक्षेपण करने वाले पौडी ज़िले के दिगान्त्रा कम्पनी के राहुल रावत का प्रदर्शन बहुत सराहनीय रहा ।

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