सिलक्यारा सुरंग रेस्क्यू अभियान 5 मोर्चों पर एक साथ, अब कमान सीधे PMO के पास
सिलक्यारा/उत्तरकाशी, 18 नवंबर। प्रधानमंत्री कार्यालय की टीम के सिलक्यारा पहुँचने के साथ ही एक साथ 5 मोर्चों पर रेस्क्यू अभियान शुरु हो गया। इनमे एक प्रयास पहाड़ी के ऊपर से छेद का सुरंग का अंदर फंसे मजदूरों तक पहुंचना भी है। इसे वर्टिकल ड्रिलग कहा जा रहा है।
सुरंग हादसे में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए संचालित रेसक्यू अभियान अब पॉंच मोर्चों पर चलेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय के उपसचिव मंगेश घिल्डियाल एवं प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार तथा उत्तराखण्ड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे ने आज घटनास्थल का निरीक्षण किया और रेसक्यू अभियान की रणनीति को लेकर आयोजित एक विशेष बैठक में हुए विचार-विमर्श के बाद यह घोषणा की। इस ऐलान के साथ ही रेस्क्यू अभियान के सभी मोर्चों पर युद्धस्तर पर कार्रवाई शुरू हो गई है।
फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए सुरंग के दायें व बायें हिस्से से इस्केप टनल बनाने के साथ ही सुरंग की ऊपरी पहाड़ी से वर्टीकल ड्रिलिंग करने और सुरंग के पोलगावं वाले हिस्से की तरफ से भी टनल बनाने के विकल्प पर अमल शुरू हो गया है।
बैठक में मौजूद प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार तथा उत्तराखण्ड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे ने आज पूर्वाह्न में लगभग ग्यारह बजे हेलीकॉप्टर के जरिए एनएचआईडीसीएल के उच्चाधिकारियों व विशेषज्ञों की टीम के सिलक्यारा पहुंचे। उन्होंने टनल के भीतर जाकर घटना स्थल का जायजा लिया और रेस्क्यू अभियान के लिए केन्द्र सरकार के द्वारा तैनात किए गए संगठनों के पदाधिकारियों के साथ की टनल के निर्माणकर्ता भारत सरकार के उपक्रम एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों से इस हादसे और रेसक्यू अभियान के बारे में जानकारी ली।
पीएमओ के उपसचिव मंगेश घिल्डियाल व पीएम के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने सुरंग की ऊपरी पहाड़ी के शीर्ष पर जाकर इस्केप पैसेज बनाने हेतु विशेषज्ञों द्वारा चिन्हित स्थलों का निरीक्षण किया। उन्होंने सुरंग परियोजना व रेस्क्यू अभियान से जुड़े अधिकारियों तथा विशेषज्ञों की बैठक लेकर रेस्क्यू अभियान के विभिन्न विकल्पों पर विचार-विमर्श किया। इस बैठक में लिए गए निर्णयों पर भी तत्काल ही अमल शुरू करते हुए मौके पर मौजूद संसाधनों व मशीनों के जरिये नये विकल्पों के लिए पहुंच व प्लेटफॉर्म बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। देश के विभिन्न हिस्सों से जरूरी मशीनरी, सामग्री व संसाधनों को सिलक्यारा पहुंचाने के लिए एअरलिफ्ट करने या ग्रीन कॉरीडोर बनाकर सड़क मार्ग के जरिए पहुंचाने के लिए भी बैठक मेें महत्वपूर्ण निर्णय लेकर इन तमाम इंतजामों को लेकर देशभर के संगठनों व एजेंसियों को चौंबीसों घंटे सतर्क रहकर समन्वय व सहयोग करने की अपेक्षा की गई। बैठक में राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के द्वारा दिए गए सहयोग को अत्यंत सराहनीय बताते हु रेसक्यू अभियान के अगले दौर में भी इसी तरह का सहयोग व समन्वय कायम रखने की जरूरत बताई।
पीएमओ के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल ने सुरंग में फंसे मजदूरों की जीवनरेखा बनी पाईपलाईन के जरिए अंदर फंसे मजदूरों तक पोषक फूड सप्लीमेंट, ओआरएस आदि दवाएं भी भिजवाईं और श्रमिकों के परिजनों व सहयोगी श्रमिकों को भरोसा दिलाया कि सभी लोगों को जल्द सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा। परिजन सरकार के द्वारा आज विभिन्न मोर्चों से शुरू किए गए रेस्क्यू अभियान से आशान्वित व संतुष्ट दिखे।
इस दौरान उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, सुरंग से मजदूरों को निकालने के रेस्क्यू अभियान के लीडर कर्नल दीपक पाटिल, एनएचआईडीसीएल के निदेशक (त) अंशु मनीष खलको, अधिशासी निदेशक संदीप सुधेरा, उत्तरकाशी के मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार सीओ प्रशांत कुमार, अनुज कुमार, सुरेन्द्र भंडारी, भूवैज्ञानिक जीडी प्रसाद सहित एनएचआईडीसीएल, ओएनजीसी, आरवीएनएल, एसजेवीएनएल, पीडब्ल्यूडी, टीएचडीसी, सेना एवं बीआरओ सहित केन्द्र व राज्य सरकार के विभिन्न संगठनों के अधिकारी मौजूद रहे।
इस बीच सिलक्यारा में संचार सुविधाओं को सशक्त करने के लिए विभिन्न टेलीकॉम एजेंसिंयों को निर्देशित किया गया है। जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने इस बावत केन्द्रीय संचार मंत्रालय के अधिकारियों से वार्ता भी की है। नतीजतन मौके पर टेलीकॉम एजेंसियों ने टावर्स व अन्य उपकरणों की स्थापना का काम शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी ने रेस्क्यू अभियान में केन्द्र सरकार के संगठनों को सहयोग करने एवं समन्वय स्थापित करने के लिए जिले से अतिरिक्त मानव संसाधन भी मुहैया करने हेतु आदेश जारी करते हुए चौबीसों घंटे अधिकारियों की तैनाती की है। जिले का आपदा प्रबंधन केन्द्र भी निरंतर इस रेस्क्यू अभियान में सहयोग कर रहा है। जिला प्रशासन ने सुरंग में फंसे मजदूरों व उनके परिजनों के मनोबल को बनाए रखने के लिए मनोचिकित्सकों की तैनाती भी की है।
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जिला सूचना अधिकारी
उत्तरकाशी।